खास बातें
PishachMochan Shraddha : मार्गशीर्ष माह में आने वाला पिशाचमोचन श्राद्ध पूजन से दूर होंगे सभी प्रकार के ग्रह दोषपितृ दोष का किसी व्यक्ति के जीवन पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है. ऎसे में मार्गशीर्ष माह में आने वाला यह पिशाचमोचन श्राद्ध का दिन अत्यंत ही विशेष होता है. इस दिन पूजन द्वारा ग्रह शांति प्राप्त होती है. जीवन में कष्ट दूर होते हैं.
importance of daan and tarpan : इससे परिवार में गलतफहमियां और झगड़े हो सकते हैं. आर्थिक बाधाएँ एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन सकती हैं. व्यक्ति पुरानी बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं. करियर में प्रगति में बाधा आ सकती है, जिससे जीवन में अस्थिरता आ सकती है.
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PishachMochan Shraddha : मार्गशीर्ष माह में आने वाला पिशाचमोचन श्राद्ध पूजन से दूर होंगे सभी प्रकार के ग्रह दोष
पितृ दोष का किसी व्यक्ति के जीवन पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है. ऎसे में मार्गशीर्ष माह में आने वाला यह पिशाचमोचन श्राद्ध का दिन अत्यंत ही विशेष होता है. इस दिन पूजन द्वारा ग्रह शांति प्राप्त होती है. जीवन में कष्ट दूर होते हैं.
importance of daan and tarpan : इससे परिवार में गलतफहमियां और झगड़े हो सकते हैं. आर्थिक बाधाएँ एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन सकती हैं. व्यक्ति पुरानी बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं. करियर में प्रगति में बाधा आ सकती है, जिससे जीवन में अस्थिरता आ सकती है.
मार्गशीर्ष मास की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. इस समय धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इस समय लोग पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए बड़ी संख्या में पवित्र नदियों और धार्मिक तीर्थ स्थलों पर पहुंचते हैं. पिशाचमोचन के दौरान पितरों के लिए विशेष रूप से श्राद्ध किया जाता है.
इस समय विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख प्राप्त होता है पितरो को सुख मिलता है और शुभ कर्म में वृद्धि होती है. धर्म के अनुसार जो भी लोग अपने पितरों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं उनके मोक्ष की कामना करते है, उन्हें पितरों का सुख प्राप्त होता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितरों का ऋण चुक जाता है और आत्मा को मुक्ति मिलती है. परिवार द्वारा मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है.
मोक्षदा एकादशी पर सोई हुई किस्मत जगाने का समय -लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 22 से 23 दिसंबर -2023
पिशाचमोचन पूजा 2023 प्रभाव
पितृ दोष का किसी व्यक्ति के जीवन पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है. ऎसे में मार्गशीर्ष माह में आने वाला यह पिशाचमोचन श्राद्ध का दिन अत्यंत ही विशेष होता है. इस दिन पूजन द्वारा ग्रह शांति प्राप्त होती है. जीवन में कष्ट दूर होते हैं.मार्गशीर्ष मास की चतुर्दशी के दिन यह कार्य सर्वोत्तम माना जाता है. पितरों को प्रसन्न करने की प्रक्रिया को तर्पण या पिंडदान भी कहा जाता है. इस दिन पितरों के निमित्त विभिन्न कार्य किये जाते हैं. इस दिन, तर्पण करें, एक अनुष्ठान जिसमें पूर्वजों का आशीर्वाद और क्षमा मांगने के लिए उन्हें जल अर्पित करना शामिल है. यह एक विशेष दिन है जब पितरों को भोजन और पकवान अर्पित करना शुभ होता है.पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष रुप से प्रयाग, काशी या हरिद्वार जैसे पवित्र स्थानों पर जाते हैं. पिंडदान से संबंधित कार्य करते हैं जिसका लाभ प्राप्त होता है. इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप करना शुभ होता है. इस दिन शिव पूजा का भी महत्व है.
मोक्षदा एकादशी पर सोई हुई किस्मत जगाने का समय -लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 22 से 23 दिसंबर -2023
इस दिन पर अशुभ योगों से मिलती है मुक्ति Pishach Mochan Pind daan and Tarpan
जीवन चुनौतियों से भरा है और हमारे सामने बाधाएँ आती रहती हैं लेकिन हम समस्याओं पर काबू पाने में सफल भी होते हैं. व्यक्ति को हर समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन स्थिति तब गंभीर हो जाती है जब जीवन में लगातार समस्याओं का सिलसिला शुरू हो जाता है. इन क्षणों में ऐसा लगता है कि व्यवसाय और करियर से लेकर रिश्तों और जीवन में लगभग हर जगह सब कुछ गलत हो रहा है. ऐसे में कुंडली में मौजूद पितृ दोष बेहद खास हो जाता है.पितृ शब्द पूर्वजों को संदर्भित करता है, और दोष नकारात्मक परिणामों से जुड़ा है. पितृ दोष शब्द का तात्पर्य पूर्वजों के नकारात्मक प्रभाव या किसी व्यक्ति द्वारा अपने माता-पिता के खिलाफ किए गए किसी गलत काम से है, जो जीवन में बाधाएं और परेशानियां लाता है. ऐसा तब भी होता है जब हमारे पूर्वज किसी कारण से दुखी होते हैं. ऐसे में पिशाचमोचन श्राद्ध के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष शांत हो जाता है और पितर तृप्त होते हैं.