मोक्षदा एकादशी पूजा के लाभ
पवित्र ग्रंथों के अनुसार, मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन करने से निम्नलिखित आशीर्वाद प्राप्त हो सकते हैं:
हिंदु पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष (अगहन) के महीने में शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी पर पड़ती है।
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह लगभग नवंबर या दिसंबर के महीने में होता है। मोक्षदा एकादशी को हिंदुओं विशेषकर वैष्णवों या भगवान विष्णु के उपासकों के लिए एक शुभ दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण ने पवित्र भगवद गीता सुनाई थी।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। अपने नाम स्वरूप ये एकादशी मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती है। मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से पाप खत्म हो जाते हैं और पूर्वजों को भी इससे मोक्ष मिलता है।
मोक्षदा एकादशी बहुत खास है क्योंकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस साल मोक्षदा एकादशी की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है।
हमारी सेवाएं : हमारे पंडित जी द्वारा पूर्ण विधि - विधान से एकादशी के दिन पूजन किया जाएगा। साथ ही पूजन से पहले पंडित जी द्वारा फ़ोन पर संकल्प कराया जाएगा।
मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी दुखों से निजात मिलती है। साथ ही सुख, सौभाग्य और आय में बढ़ोतरी होती है। अगर आप भी अपने जीवन में खुशहाली, शांति और आय में वृद्धि चाहते हैं, तो मोक्षदा एकादशी के दिन 4 चीजें घर जरूर ले आएं-
सफेद हाथी
यदि आप भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो मोक्षदा एकादशी के दिन सफेद हाथी की मूर्ति घर ले आएं। मान्यता के अनुसार, सफेद हाथी की प्रतिमा घर में रखने से वास्तु दोष दूर होता है। सफेद हाथी भगवान विष्णु जी का प्रिय है।
कामधेनु गाय
अगर आप घर की सुख-समृद्धि को हमेशा बरकरार रखना चाहते हैं, तो मोक्षदा एकादशी के अवसर पर कामधेनु गाय की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना करें। शास्त्रों के अनुसार, चिरकाल में समुद्र मंथन के दौरान क्षीर सागर से कामधेनु गाय प्रकट हुई थीं।
मछली की प्रतिमा
भगवान विष्णु जी के 10 अवतारों में से प्रथम अवतार मत्स्य हैं। अतः मोक्षदा एकादशी के दिन चांदी से बनी मछली की मूर्ति घर ले आएं और उसे घर की उत्तर दिशा में स्थापित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।
तुलसी
धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी के दिन माता तुलसी की पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु जी प्रसन्न होते हैं। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इस दिन तुलसी दल तोड़ने की मनाही है। मोक्षदा एकादशी के अवसर पर आप तुलसी का पौधा जरूर घर ले आएं। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
मोक्षदा एकादशी 2023 व्रत पारण
22 दिसंबर 2023 को मोक्षदा एकादशी का व्रत करने वाले लोग 23 दिसंबर 2023 को दोपहर 01:22 से दोपहर 03:25 के बीच व्रत पारण कर लें। वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग 24 दिसंबर 2023 को सुबह 07:10 से सुबह 09:14 के बीच मोक्षदा एकादशी का व्रत पारण कर सकते हैं।
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