myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Pind daan moksh gaya puja mahatva facts

गया में पिंडदान करने से मिलती है मुक्ति, जानें मोक्षस्थली गया के बारे में ये महत्वपूर्ण बातें

My jyotish expert Updated 25 Sep 2021 10:56 AM IST
Pind daan moksh gaya
Pind daan moksh gaya - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन
 जीवन और मृत्यु दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं , जितना जीवन महत्वपूर्ण हैं उतना ही मृत्यु के पश्चात की विधि महत्वपूर्ण हैं। गौरतलब हैं कि इस वर्ष पितृ पक्ष {Pitru paksh } की शुरुआत हो चुकी हैं। भादो मास को पवित्र मास की संज्ञा दी गई हैं। आपको बता दें कि  सनातन धर्म {Sanatana dharma } में विधि अनुसार पूजन का बहुत महत्व बताया गया हैं , जन्म से लेकर मृत्यु के बाद भी पूजन के अपने विशेष मायने रहतें हैं। हिन्दू धर्म {Hindu Dharma } की  मान्यता के  अनुसार  श्राद्ध पक्ष में जो अभी अपने मृतक  परिजनों के नाम पर पिंडदान {Pind Daan } करतें हैं , उन्हें जीवन मरण के बंधनो से मुक्ति मिल जाती हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। यूँ तो पितृ पक्ष के शुरू होतें ही पुरे देश में अलग अलग जगह पिंड दान किया जाता हैं , जैसे किसी पावन नदी के तट पर तो किसी विशेष मंदिर के आस पास , लेकिन ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार बिहार {Bihar } राज्य के गया {Gya } प्रांत में किया जाने वाला पिंड दान सबसे फलदायी सिद्ध होता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि जो व्यक्ति अपने पूर्वजों का श्राद्ध गया में करतें है और वहां पिंड दान करतें हैं , उनके पूर्वजों को स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं , ऐसी मान्यता हैं कि स्वयं यहाँ भगवान विष्णु {Lord Vishnu } भी विराजमान हैं । हमारे शास्त्रों के अनुसार गया में पिंड दान से सबंधित बहुत पौराणिक कथाएं हैं आइए एक नजर डालतें हैं 

आसानी से देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में, यहाँ क्लिक करें

हमारे शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार एक बार भस्मासुर नाम के राक्षस ने अपने कठिन तपो बल से , कठिन साधना करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया तथा उनसे वरदान की मांग की , राक्षस भस्मासुर ने वरदान स्वरूप माँगा कि वो भी अन्य देवताओं की भांति पवित्र हो जाएँ और जो भी उसके दर्शन करें वो भी पाप मुक्त हो जाए , ब्रह्मा जी ने उसे ऐसा वरदान दे दिया। इस वरदान को मिलने के बाद जो भी पाप करता वो भस्मासुर के स्थल गया जाकर उसके दर्शन करता और खुद को पाप मुक्त कर लेता।

ऐसा सिलसिला जब चलता रहा तो यह सब दृश्य देख , देवता गण चिंतित हो गए और इस समस्या के निवारण हेतु सभी देवताओं ने गयासुर {भस्मासुर } की पीठ  पर यज्ञ हवन करवाने की मांग रखी।  बहुत प्रयासों के बाद राक्षस गयासुर इस हवन के लिए तैयार हो गया। ऐसा कहा जाता हैं कि जब यज्ञ के लिए राक्षस भस्मासुर भूमि पर लेटा तो उसका  विशालकाय शरीर पांच कोस तक फ़ैल गया , इसके बाद देवता गण ने विधि पूर्वक उसके पीठ पर यज्ञ सम्पन्न किया। इस यज्ञ के बाद देवता गण ने राक्षस भस्मासुर को वरदान दिया कि जो भी इस स्थान पर आकर श्राद्ध एवं अपने पितर को तर्पण करेगा उसके पूर्वजों को मुक्ति की प्राप्ति होगी।  ऐसा कहा जाता हैं कि यज्ञ समाप्ति के बाद भगवान विष्णु ने राक्षस गयासुर के पीठ पर एक बड़ा सा शिला रख कर स्वयं उस पर खड़े हो गए थे , तब से यह स्थान और पवित्र माना जाता हैं।  

गरुड़ पुराण {garud puran } में ऐसा वर्णित हैं कि मृत्यु के पश्चात , अगर उस व्यक्ति के परिजन श्राद्ध , क्रिया कर्म के लिए गया जातें हैं तो , उनका एक एक कदम उनके पूर्वजों को स्वर्ग के समीप लेकर जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि गया में श्राद्ध कर्म करने से , पूर्वजों का तर्पण करने से ,मृतक को स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं , गया में बहने वाली नदी फल्गु नदी को बहुत पवित्र माना जाता हैं।

 ऐसी मान्यता हैं कि स्वयं भगवान श्री राम {Shree Ram } भी गया ही गए थे अपने पिता राजा दशरथ के मुक्ति के लिए पिंड दान करने।  गया और फल्गु नदी के तट को मोक्ष स्थली के नाम से भी जाना जाता हैं।  आपको बता दें कि हर वर्ष गया में पितृ पक्ष के समय 17 दिवसीय मेला आयोजित किया जाता हैं , देश के अलग अलग कोने से लोग आतें हैं अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए पिंड दान करने।


जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली

दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ



 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X