हर भवन में रसोई घर का बहुत ही प्रमुख स्थान होता है । अगर रसोई घर वास्तु सम्मत है तो वहाँ पर बना भोजन खाकर उस घर के निवासी सदैव निरोगी रहेंगे लेकिन अगर वास्तु दोष है तो उस घर में रहने वालो को तरह तरह की बिमारियों, आपसी कलह और धन के आभाव का सामना करना पड़ सकता है । यहाँ पर रसोईघर के लिए बताये गए वास्तु के सिद्धांतों को अपनाकर आप निश्चय ही उत्तम लाभ प्राप्त कर सकते है ।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन में रसोईघर का आग्नेय दिशा ( दक्षिण-पूर्व दिशा ) में होना बहुत शुभ होता है। लेकिन किसी कारणवश ऐसा संभव न हो तो रसोई घर का निर्माण पश्चिम दिशा में किया जाना एक ओर विकल्प है। इन दिशाओं के बाद पूर्व या वायव्य दिशा ( उत्तर पश्चिम ) और अंत में दक्षिण दिशा को वरीयता दी जाती है।
- रसोईघर का प्रवेशद्वार दक्षिण एवं आग्नेय दिशा में नहीं बनाना चाहिए, पूर्व ईशान और उत्तर की तरफ रसोई का प्रवेश द्वार होना श्रेष्ठ होता है ।
- रसोई घर में इस बात का अवश्य ही ध्यान रहे कि खाना बनाने का चूल्हा आग्नेय कोण में ही होना चाहिए ।
- चूल्हा ईशान कोण या उत्तर में भूलकर भी ना रखे । ईशान कोण में चूल्हा होने से संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है , धन हानि के साथ अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है और उत्तर दिशा में जो कि कुबेर की दिशा है चूल्हा रखने से तमाम प्रयास के बाद भी जीवन में असफलता ही हाथ लगती है, राजा भी रंक हो सकता है ।
- रसोई घर में खाना बनाने का चूल्हा दीवार से 2 -3 इंच की दूरी बनकर रखना चाहिए दीवार से सटा कर नहीं।
- रसोई घर में खाना बनाने वाले व्यक्ति का मुँख पूर्व की ओर होना चाहिए, इससे खाना पौष्टिक बनता है और खाने वालो का स्वास्थ्य ही ठीक रहता है ।
- वास्तु के अनुसार रसोई घर की कोई भी दिवार शौचालय के साथ नहीं लगी होनी चाहिए और रसोईघर, शौचालय या बाथरूम के ऊपर या नीचे भी नहीं होना चाहिए।
- रसोई घर का दरवाजा पूर्व, उत्तर या पश्चिम दिशा में खुलना शुभ माना जाता है ।
- रसोई घर में नल उत्तर की तरफ ही होना चाहिए । इसके अलावा पीने का पानी भी ईशान या उत्तर में ही रखना चाहिए, लेकिन अग्नेय, दक्षिण और नैत्रत्य में जल सम्बन्धी कार्य बिलकुल भी नहीं करना चाहिए ।
- रसोईघर में जूठे बर्तन साफ करने के लिए सिंक उत्तर या पूर्व की तरफ ही बनाना चाहिए ।
- रसोईघर में वजनदार डिब्बे रखने के लिए टांड या अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में बनानी चाहिए।
- रसोई घर में अन्न के बर्तन / डिब्बे वायव्य कोण अर्थात उत्तर पश्चिम में रखने चाहिए इससे घर में कभी भी धन का आभाव नहीं रहता है ।
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