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पीपल का महत्व और इसका प्रभाव
धर्म में मौजूद आगम निगम ग्रंथों एवं तंत्र शास्त्र में बताया गया है कि पितृदोष निवारण के लिए पीपल की सेवा महत्वपूर्ण होती है. इसके अलावा यदि दरिद्रता का असर जीवन पर पड़ रहा हो तो उसके चलते पीपल की पूजा करना बेहद शुभ होता है. लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का भी वास पीपल में ही होता है. अत: उनकी पूजा करके व्यक्ति कर्ज एवं तंगी से मुक्ति पाने में सक्षम होता है.
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शनिवार के दिन पीपल का पूजन करने से न केवल शनि दोष शांति होते हैं अपितु कर्ज निवारण भी होता है. यदि शनिवार के दिन पीपल के पत्तों पर सिन्दूर या कुमकुम लगाकर बहते जल में प्रवाहित कर दिया जाए तो कर्ज मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है.
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यदि आस्था और विश्वास की आवश्यकता है तो और कुछ न करें, प्रतिदिन स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर एक लोटा जल चढ़ाते रहें, इससे दुख एवं गरीबी का नाश होता है. यह अनुभूत सत्य है कि जो लोग पीपल की सेवा करते हैं उन्हें कोई न कोई चमत्कारी लाभ अवश्य होता है. हिंदुओं में पीपल के पेड़ को इसकी विशिष्टता और गुणों के कारण पूजनीय माना गया है. पीपल के वृक्ष की पूजा करने से अशुभ ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.