बेहद श्रेष्ठ मानी जाती है निर्जला एकादशी,इस दिन की गई भूल पड़ सकती है भारी
हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का बहुत महात्म है। निर्जला एकादशी व्रत करने वाले एक तरह से तपस्या करते हैं क्योंकि ये व्रत को सबसे अधिक तपस्या वाला व्रत माना जाता है। और इस लिए भी 24 एकादशियों सबसे पवित्र माना जाता है। इस साल निर्जला एकादशी व्रत को 11जून शुक्रवार को रखा जायेगा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी को निर्जला एकादशी पड़ता है। इस व्रत में आप पानी नहीं पी सकते हैं।इस व्रत में पानी आप अगले दिन के सूर्योदय के बाद ही पी सकते है।
मान्यता है की इस व्रत को करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते है।इस दिन व्रत वाले व्यक्ति को दान पुण्य करना चाहिए।ऐसा करने से महा पुण्य मिलता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में महर्षि वेद व्यास ने पांडव को व्रत करने के लिए कहा था। उन्होंने पांडव को बताया की ये व्रत धर्म,काम,अर्थ,मोक्ष, की प्राप्ति दिलाता है। इस व्रत को भीम को छोड़ कर माता कुंती के साथ द्रोपदी और पांडव ने भी रखा था। व्यास जी के समझया और इस व्रत का वर्णन किया।उसके बाद भीम ने भी निर्जला एकादशी व्रत रखा।इस व्रत का पूरा पालन किया। इस व्रत के बाद ही भीमसेन को दस हाथियों के बराबर बल मिला था।इसलिए इस व्रत को निर्जला एकादशी या भीम एकादशी व्रत कहते है।
ऐसी मान्यता है की इसी दिन विश्वामित्र ने पहली बार गायत्री मंत्र सुनाया था तो इस लिए भी इसे महा निर्जला एकादशी व्रत कहते है। इस दिन पूरा दिन उपवास रखते है। भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान से पूजा करें। इस व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन हम अज्ञात वश हम कुछ गलतियां कर जाते है आइए जानते है की हमको इस दिन कौन–कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए :–
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इस दिन न करें ये गलतियां
स्नान न करना
इस दिन ना नहाने की भूल मत करें। क्योंकि ये व्रत बेहद ही पवित्र माना जाता है। इस दिन सुबह उठकर स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर व्रत रखे और पूरे विधि विधान से पूजा करें।इस व्रत के दौरान किसी के प्रति मन में गलत भावनाओं को ना आने दे। इस दिन आप के साथ साथ घर के पूरे सदस्य जरूर स्नान करे और इस व्रत का पालन करे।जो नहीं है वो उस दिन का पालन करें।
दान न करना
इस व्रत के दौरान दान पुण्य करना चाहिए।इस दिन अन्न दान करने का बहुत अधिक महत्त्व है।अपनी क्षमता के अनुसार दाल,चावल,और कुछ जरूरी चीजों को भी दान कर सकते है।ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन जूते को दान करता है वो मोक्ष की प्राप्ति करता है। ऐसा कहा जाता है की जूते दान करने से स्वर्ग लोक से आपको कोई लेने आता है।अगर इस दिन आपके घर पर कोई भिक्षु आ जाए तो उसे खाली हाथ नहीं लौटने दे। उसे कुछ न कुछ दान में अवश्य दे।
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चावल का सेवन
निर्जला एकादशी व्रत के दिन आप चावल का सेवन ना करें। विष्णु पुराण के अनुसार इस दिन चावल का सेवन करने से व्रत का फल नहीं मिलता हैं। इस दिन घर के अन्य सदस्यों को भी चावल नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन नमक का सेवन करना भी वर्जित है। इस दिन नमक का सेवन करने से व्रत मान्य नहीं होता है। व्रत वालो को अनाज का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक तनाव का समाना करना पड़ता है।
अगर आप व्रत है तो इस दिन चावल और नमक के अलावा बैंगन,मूली,प्याज,लहसुन,और मसूर की दाल का सेवन करने से बचें।आप एकादशी का व्रत है तो इन चीजों को बिल्कुल भी ना खाएं।
अगर आप शरीर से अस्वस्थ है तो किसी पंडित से पूछ कर पानी पीकर और फलहारी पर रख सकते है।
ग्रंथो के अनुसार इस दिन सेम नहीं खाना चाहिए। मान्यता है की इस दिन सेम का सेवन करने से संतान की हानि होती है।इस दिन व्रती के परिवार के किसी भी सदस्य को सेम नहीं खाना चाहिए। व्रत के पारण में भी इसका सेवन ना करें।
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