वर्ष 2020 में दो चंद्रमा और दो ब्रह्मा हैं। दो-दो मिलकर चार का योग बनाते हैं, जो राहु का प्रतीक है। जिससे महामारी, महारोग और प्राकृतिक प्रकोप का होना स्पष्ट था। वहीं अंक ज्योतिष के अनुसार साल 2021 का कुल अंक पांच है। इसमें दो चंद्रमा, एक ब्रम्हा और एक सूर्य है। जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है।
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इसलिए नए साल में नए परिवर्तन और नया विकास देखने को मिलेगा। वहीं 13 अप्रैल 2021 से नया संवत 2078 प्रारंभ होगा, जो एक अप्रैल 2022 में समाप्त होगा। इस वर्ष का राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होगा। संवत्सर का नाम आनंद नामक है, साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर की शाम 7:50 बजे से एक जनवरी सूर्योदय तक अमृत सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही दूसरा शुभ संयोग गुरु पुष्प योग और सर्वार्थ सिद्घि योग भी बन रहा है। गुरु पुष्प योग में भगवान सूर्य की पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
साल के पहले दिन पुष्य नक्षत्र योग में खरमास के बावजूद अभिजित मुहूर्त में मंगल कार्य कर सकते हैं। इस दिन खरीद करना भी शुभ व समृद्धिदायक रहेगा। पुष्य और अभिजीत मुहूर्त दोनों के संयोग में की गई खरीदी व अन्य शुभ कार्य सकारात्मक परिणाम देने वाले होंगे।
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