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कहा जाता है कि जहाँ नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता और वो व्यक्ति समस्त सुखों का भोग करता हुआ शिवलोक तक जाता है। मान्यता के अनुसार भारत में एक ऐसी नदी है जहाँ से निकला हर एक पत्थर शिवलिंग माना जाता है| ग्रंथों में इस नदी को नर्मदा नदी के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहते हैं कि गंगा में नहाने से जो फल मिलता है, वही फल नर्मदा नदी में स्नान करने से प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार नर्मदा नदी से निकला हर एक पत्थर शिव जी का प्रतीक है| यहां से निकले पत्थरों को शिवलिंग के रूप में स्थापित करके, उनकी पूजा की जाती है| नर्मदा से निकले शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है.ऐसा कहा जाता है प्राचीन काल में नर्मदा नदी ने बहुत सालों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया था| प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा, तब नर्मदा जी ने कहा आप मुझे गंगा नदी के समान कर दीजिए.
तब ब्रह्माजी ने मुस्कराते हुए कहा कि यदि कोई दूसरा देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले, कोई दूसरा पुरुष भगवान विष्णु के समान हो जाए, कोई दूसरी नारी पार्वती जी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके, तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती है। ब्रह्माजी की ये बात सुनकर नर्मदा जी उनके वरदान का त्याग करके काशी चली गयी और वहां पिलपिला तीर्थ में शिवलिंग की स्थापना करके तप करने लगीं| उनके इस तप से भगवान शंकर खुश हुए और प्रकट होकर नर्मदा जी से वर मांगने को कहा, तब नर्मदा जी ने कहा कि तुच्छ वर मांगने से क्या लाभ? बस आपके चरण कमलों में मेरी भक्ति बनी रहें। नर्मदा की बात सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हुए और बोले तुम्हारे तट पर जितने भी पत्थर हैं, वे सब मेरे वर से शिवलिंग रूप हो जाएंगे। गंगा में स्नान करने पर पाप का नाश होता है, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सभी पापों का नाश करती है, मगर तुम दर्शन मात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण करने वाली होगी.
सभी शिवलिंग में से नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी होती है। गृहस्थ लोगों को नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा हर दिन करनी चाहिए| यह परिवार का मंगल करने वाला, समस्त सिद्धियों व स्थिर लक्ष्मी को देने वाला शिवलिंग है। नर्मदा नदी का उल्लेख स्कंद पुराण में किया गया है और हैरान करने वाली बात यह है कि यहां से कई बार ॐ लिखे हुए शिवलिंग भी निकलते हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और महादेव का चमत्कार देखकर दंग रह जाते हैं.
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