खास बातें
Narasimha Dwadashi: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को नरसिंह द्वादशी का उत्सव मनाया जाता है. होली के आठ दिनों का समय किसी न किसी रुप में महत्व रखता है. इसी समय आने वाली द्वादशी के दिन नरसिंह भगवान का पूजन किया जाता है.
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Narasimha Dwadashi Puja: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को नरसिंह द्वादशी का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा करने तथा श्री विष्णु भक्त प्रह्लाद का पूजन विशेष माना जाता है. Holashtak Narasimha Dwadashi होलाष्टक के दौरान आने वाली द्वादशी के दिन ही नरसिंह भगवान का पूजन भी होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार नर्सिंह भगवान के द्वारा ही हिरण्यकशिपु नामक राक्षस का अंत होता है तथा धर्म की स्थापना होती है.
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होली के आठ दिनों का समय किसी न किसी रुप में महत्व रखता है. इसी समय आने वाली द्वादशी के दिन नरसिंह भगवान का पूजन किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार यह एक ऐसा अवतार था जिसमें श्री विष्णु भगवान ने आशे मानव एवं आधे सिंह का रुप धारा जिस कारण यह अवतार नरसिंह रुप में पुकारा गया. होली से तीन दिन पहले नरसिंह द्वादशी मनाई जाती है. आइए जानते हैं होलाष्टक के समय आने वाली नरसिम्हा द्वादशी कब मनाई जाएगी और इस दिन का विशेष महत्व.
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नरसिंह द्वादशी मुहूर्त 2024
इस वर्ष नरसिंह द्वादशी का व्रत 21 मार्च 2024 को बृहस्पतिवार के दिन रखा जा सकेगा. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के अगले दिन ही द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का पूजन किया जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान नरसिम्हा एक खंभे को फाड़कर प्रकट हुए थे. इन के द्वारा ही राक्षस हिरण्यकश्यप का अंत हुआ और भक्त प्रह्लाद की रक्षा संभव हो पाई.होलिका दहन पर पवित्र अग्नि में कराएं विशेष वस्तु अर्पित, होंगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न - 24 मार्च 2024
नरसिंह द्वादशी पूजा विधि
नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान नरसिंह की पूजा में उनकी मूर्ति अथवा प्रतिमा को स्थापित करके पूजा की जाती है. पीले रंग के वस्त्र अर्पित किए जाते हैं. पीले फूल और पीली मिठाई चढ़ाई जाती है. भगवान नरसिंह की पूजा में केसर चंदन का तिलक लगाया जाता है. मान्यता है कि भगवान का पूजन करने से भगवान नरसिंह का आशीर्वाद मिलता है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसके बाद तुलसी या चंदन की माला से भगवान नरसिंह के मंत्रों का कम से कम एक माला जाप करना शुभ होता है.पूजा बुक करें!: https://www.myjyotish.com/astrology-services/puja
नृसिंह भगवान आरती Narasimha Bhagwan Aarti
नरसिंह भगवान की पूजा के साथ भगवान की आरती करने से पूजा का पूर्ण फल भक्तों को प्राप्त होता है. आइये भक्ति भाव के साथ करें भगवान की आरती और पाएं नृसिंह भगवान का आशीर्वाद
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ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
जनका ताप हरे ॐ जय नरसिंह हरे ॥
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी,
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
प्रभु भक्तन हितकारी । अद्भुत रूप बनाकर,
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
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अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी ॥
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
प्रभु दुस्यु जियो मारी । दास जान आपनायो,
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
दास जान आपनायो, जनपर कृपा करी ॥
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे,
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।
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प्रभु माला पहिनावे । शिवजी जय जय कहकर,
पुष्पन बरसावे, ॐ जय नरसिंह हरे
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे ।