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Nandi Gayatri Mntra : जानिए नंदी गायत्री मंत्र क्या है , पाठ कैसे करे, उपयोग एवं महत्व

Myjyotish expert Updated 09 May 2022 11:00 AM IST
जानिए नंदी गायत्री मंत्र क्या है , पाठ कैसे करे, उपयोग एवं महत्व
जानिए नंदी गायत्री मंत्र क्या है , पाठ कैसे करे, उपयोग एवं महत्व - फोटो : google
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जानिए नंदी गायत्री मंत्र क्या है , पाठ कैसे करे, उपयोग एवं महत्व


हिंदू धर्म में नंदी जी को भगवान शिव का नंदीश्वर अवतार मानकर पूजा जाता है। पुराणों में नंदी जी को भगवान भोलेनाथ की सवारी बताया गया है। भगवान शिव के उपासकों के लिए नंदी गायत्री मंत्र बहुत ही विशेष माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को पूर्ण रूप से प्रसन्न करने के लिए नंदी देव जी का आर्शीवाद प्राप्त करना बहुत ही आवश्यक है। नंदी जी को ज्ञान और बुद्धि का स्वामित्व प्राप्त है। 

जानिए इस मंत्र का पाठ कैसे किया जाता है?

इस चमत्कारी मंत्र के पाठ के दिन भक्त सुबह सूर्योदय से पहले जग कर भगवान नंदी जी का ध्यान करते हैं। इसके बाद पवित्र स्नान के साथ तन और मन में मंत्र उच्चारण के साथ मन की शुद्धि की जाती है। इसके बाद जातकों द्वारा इस पाठ को आरंभ कर दिया जाता है। 

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मंत्र के पाठ को 108 बार करना सबसे उत्तम माना गया है। वहीं कुछ जातक नंदी गायत्री मंत्र के पाठ को 9 या 11 बार करते हैं। भगवान शिव के उपासक इस पाठ को 1008 बार भी करते हैं। इस पाठ को बहुत ही कठिन माना जाता है। 

नंदी गायत्री मंत्र के लाभ

पौराणिक कथाओं के अनुसार नंदी जी को भगवान शिव की सभी शक्तियां प्राप्त है। इसलिए भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए नंदी जी का प्रसन्न होना बहुत ही आवश्यक है। इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मनुष्य ज्ञान और बुद्धि में श्रेष्ठ हो जाता है। अशांत मन वाले जातकों के लिए नंदी गायत्री मंत्र का जाप सबसे उत्तम माना गया है। 

सुखद जीवन की कामना से भी इस मंत्र का जाप और पाठ किया जाता है। इस पाठ से शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। मान्यताओं के अनुसार नंदी जी की प्रतिमा के कान में अपनी इच्छा प्रकट करने से इच्छा पूरी हो जाती है।

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जानिए यह मंत्र क्यों है इतना उपयोगी

इस प्रश्न के पीछे पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए अपने कंठ में विष को धारण किया था। इस समय विष की एक बूंद पृथ्वी पर आ गिरी थी। उस समय सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष की बूंद को नंदी जी ने अपनी जीभ से हटाया था। उसी समय से भगवान नंदी को भगवान शिव के परम भक्त के रूप में पूजा जाने लगा था। इसलिए नंदी गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत ही फलदायी माना गया है।

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