खास बातें
Nand Navami 2023: जानें कब मनाई जाएगी नंदा नवमी और क्या है पूजा का महत्वNanda Navami मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन देवी का पूजन नंदा नवमि के रुप में होता है. नंदा देवी दुर्गा का ही एक रूप हैं. इस दिन विशेष रूप से मां नंदा की पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने से भक्त को सुख एवं सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आईये जानें कैसे की जाएं देवी का पूजन और क्या है इस पूजन का महत्व.
Devi puja का प्रभाव शक्तिको प्रदान करने वाला होता है. प्राप्त होती हैं, जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और शत्रु पर विजय प्राप्त करने में भी मदद मिलती है. इसलिए कल इस खास मौके पर आप कौन से खास उपाय करके देवी मां को प्रसन्न कर अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं और सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं.
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Nand Navami 2023: जानें कब मनाई जाएगी नंदा नवमी और क्या है पूजा का महत्व
nanda Navami मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन देवी का पूजन नंदा नवमि के रुप में होता है. नंदा देवी दुर्गा का ही एक रूप हैं. इस दिन विशेष रूप से मां नंदा की पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने से भक्त को सुख एवं सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आईये जानें कैसे की जाएं देवी का पूजन और क्या है इस पूजन का महत्व.
Devi puja का प्रभाव शक्तिको प्रदान करने वाला होता है. प्राप्त होती हैं, जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और शत्रु पर विजय प्राप्त करने में भी मदद मिलती है. इसलिए कल इस खास मौके पर आप कौन से खास उपाय करके देवी मां को प्रसन्न कर अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं और सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं.
मोक्षदा एकादशी पर सोई हुई किस्मत जगाने का समय -लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 22 से 23 दिसंबर -2023
नंदा नवमी पूजा विधान 2023
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन देवी का पूजन नंदा नवमि के रुप में होता है. नंदा देवी दुर्गा का ही एक रूप हैं. इस दिन विशेष रूप से मां नंदा की पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने से भक्त को सुख एवं सिद्धियों की प्राप्ति होती है.नंदा नवमी के दिन मां दुर्गा के नंदा स्वरुप की पूजा की जाती है. माँ दुर्गा शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं मां नंदा की पूजा करने से हर संकट दूर हो जाता है, इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं. धन धान्य हमेशा बना रहता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद भक्त देवी दुर्गा के मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए. दुर्गा मंत्र का जाप करते हुए माता का नाम स्मरण करना चाहिए. मां नंदा का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त घर पर भी माता पूजा का आयोजन करते हैं. दुर्गा आरती करने के बाद नंदा आरती गाई जाती है और भजन-कीर्तन किया जाता है. व्रत के दौरान फल भी खाए जाते हैं.
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नंदा देवी पूजा मुहूर्त अनुष्ठान
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि अनुसार 21 दिसंबर को इसका पूजन एवं व्रत किया जाएगा. शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को नंदा नवमी मनाने की परंपरा है. नंदा देवी दुर्गा का एक रूप हैं. इस दिन विशेष रूप से मां नंदा की पूजा की जाती है. इस खास मौके पर विशेष उपाय करके देवी मां को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं. आइये जानें इस दिन से संबंधित कार्य एवं इनके विशेष प्रभाव :अगर आप जीवन में अच्छा स्वास्थ्य, सुख, सौभाग्य, सुन्दर रूप और विजय चाहते हैं तो इस दिन हवन करना चाहिए. साथ ही मंत्र का जाप भी करना चाहिए. ऐसा करने से आपको अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ जीवन में सुख, सौभाग्य, सुन्दर रूप और विजय प्राप्त होगी. इस दिन मां नंदा की पूजा करने से हर कष्ट और पीड़ा दूर हो जाती है.
नंदा जी की आरती Nanda ji ki aarti
ॐ जय गौरी नंदा, प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा, गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा, ॐ जय गौरी नंदा ।।
सूंड सूंडालों नयन विशालो, कुण्डल झलकंता,
कुमकुम केसर चन्दन, सिंदूर बदन वंदा,
ॐ जय गौरी नंदा ।।
ॐ जय गौरी नंदा, प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा, गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा, ॐ जय गौरी नंदा।।
मुकुट सुगढ़ सोहंता, मस्तक सोहंता,
प्रभु मस्तक सोहंता, बईया बाजूबन्दा, ओंची निरखंता,
ॐ जय गौरी नंदा।।
ॐ जय गौरी नंदा, प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा, गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा, ॐ जय गौरी नंदा।।
मूषक वाहन राजत, शिव सूत आनंदा
कहत शिवानन्द स्वामी, मिटत भव फंदा,
ॐ जय गौरी नंदा।।
ॐ जय गौरी नंदा, प्रभु जय गौरी नंदा,
गणपति आनंद कंदा, गणपति आनंद कंदा,
मैं चरणन वंदा, ॐ जय गौरी नंदा।।