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Vinayaka Chaturthi 2023 : मार्गशीर्ष मास की विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है.कहा जाता है की चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा मंत्रों के साथ हो तो फल भी बढ़ जाते हैं.आइये जान लेते हैं की चतुर्थी के दिन गणेश पूजन पर कौन कौन से मंत्र देंगे शुभता का प्रभाव
मोक्षदा एकादशी पर सोई हुई किस्मत जगाने का समय -लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 22 से 23 दिसंबर -2023
Vinayaka Chaturthi 2023 : मार्गशीर्ष मास की विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है. कहा जाता है की चतुर्थी के दिन गणपति का घर परिवार पर विशेष स्नेह होता है और अगर इस समय पर बप्पा की पूजा मंत्रों के साथ हो तो फल भी बढ़ जाते हैं. आइये जान लेते हैं की चतुर्थी के दिन गणेश पूजन पर कौन कौन से मंत्र देंगे शुभता का प्रभाव
विनायक चतुर्थी के दिन इन मंत्रों के जप से मिलेगा सफलता का सुख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का त्योहार गणेश विनायक चतुर्थी के रुप में मनाया जाता है. मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ ही संक्रांति का पर्व अत्यंत खास होगा. इस दिन सूर्य का बदलाव ओर गणेश पूजन का समय होने से विशेष योग का निर्माण होगा.
इन मंत्रों का जप करते हुए मुख पूर्व दिशा की ओर का चयन उत्तम होता है. इन मंत्रों को सात से इक्कीस बार तक जरूर जाप करना चाहिए. मंत्र का जाप करने से जीवन में शुभ फलों के साथ काम में उन्नति का प्रभाव भी दिखाई देता है. यदि आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर रहे हैं तो हवन, पूजा, आरती से पहले इस मंत्र का जाप करें.
एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्.
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्..
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
मंत्रों के जाप से आप जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पा सकते हैं. अगर आपके ऊपर भी किसी तरह की कोई परेशानी आ गई है या आप किसी संकट से जूझ रहे हैं तो इस महीने की विनायक चतुर्थी पर इन मंत्रों का जाप जरूर करें, आपको विशेष लाभ मिलेगा.
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भगवान गणेश की पूजा विधि के साथ-साथ मंत्र जाप का भी विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष माह की यह चतुर्थी विशेष फल प्रदान करती है. भगवान गणेश सभी संकटों को दूर करने वाले हैं, इसलिए चतुर्थी की पूजा भी गणपति की पूजा को समर्पित है. इस साल संक्रांति के दिन विनायक चतुर्थी का व्रत और पूजा करना बेहद खास रहेगा.
विनायक चतुर्थी पूजा विधान
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत और पूजन श्रद्धापूर्वक किया जाता है. इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश प्रकट हुए थे.
इसी वजह से इस तिथि पर पूजा करने से बहुत विशेष फल मिलता है. भगवान श्रीगणेश के ये मंत्र भक्तों को शुभ फल देते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन भगवान गणेश का जाप करने से सफलता और शुद्धि की प्राप्ति होती है.
गणेश स्तोत्र के जाप से आप जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पा सकते हैं. अगर आपके ऊपर भी किसी तरह की कोई परेशानी आ गई है या आप किसी संकट से जूझ रहे हैं तो इस महीने की विनायक चतुर्थी पर इन मंत्रों का जाप जरूर करें, आपको विशेष लाभ मिलेगा.
गणेश स्तोत्र
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।