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Pradosh Vrat March 2024: प्रदोष व्रत के दिन इस एक स्त्रोत होती है दूर, जानें इससे मिलने वाले लाभ

Acharya Rajrani Sharma Updated 07 Mar 2024 11:31 AM IST
Pradosh Vrat
Pradosh Vrat - फोटो : my jyotish

खास बातें

Pradosh Vrat March 2024: प्रदोष व्रत के दिन इस एक स्त्रोत होती है दूर, जानें इससे मिलने वाले लाभ

Pradosh Worship: प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उस दिन से संबंधित कुछ उपायों कर लिया जाए तो इसके द्वारा मिलता है विशेष लाभ. 
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Pradosh Vrat March 2024: प्रदोष व्रत के दिन इस एक स्त्रोत होती है दूर, जानें इससे मिलने वाले लाभ


Pradosh Worship: प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उस दिन से संबंधित कुछ उपायों कर लिया जाए तो इसके द्वारा मिलता है विशेष लाभ. शुक्रवार के दिन किए जाने वाले इस व्रत से दूर होगा शुक्र से संबंधित हर दोष.

Pradosh Vrat Benefits प्रदोष व्रत का प्रभाव एवं पूजन सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने में सहायक होता है. भगवान शिव से संबंधित प्रदोष पूजा से दूर होते हैं रोग एवं आर्थिक संकट होते हैं दूर.

प्रदोष की पूजा को बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. हर माह में आने वाला यह प्रदोष व्रत भाग्य में वृद्धि के साथ-साथ सुख संपन्नता दिलाने वाला आना गया है. प्रदोष व्रत का संबंध इस बात से भी बहुत होता है कि यह किस दिन पर आ रहा है. प्रत्येक दिन में आने वाले इस प्रदोष का संबंध उस दिन की पूजा के लिए काफी विशेष बन जाता है. जैसे इस बार शुक्रवार को आने वाला शुक्र प्रदोष के नाम से पूजा जाएगा. शुक्र प्रदोष के दिन यदि शुक्र के उपायों को कर लिया जाए तो इससे शुक्र ग्रह की शुभता के साथ साथ व्यक्ति को भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होती है. आइये जान लेते हैं शुक्र प्रदोष एवं शुक्र स्तुती का महत्व.

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शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा महत्व

शुक्र प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव एवं माता पार्वती भक्तों की सभी कामनाएं पूरी करते हैं.प्रदोष नामक व्रत करने वाले के सभी पापों से मुक्ति मिलती है, कष्टों कानाश होता है, दोषों और परेशानियों से निजात संभव हो पाती है. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष को शक्ति प्रदान करने वाला व्रत माना गया है. शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन शाम के समय भगवान शिव देवी पार्वती को के साथ प्रसन्न रुप से नृत्य करते हैं. इसलिए इस दिन व्रत करने के बाद शाम के समय भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा करने से सुखों की प्राप्ति संभव हो पाती है.
 
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शुक्र स्त्रोत पाठ से पूर्ण होंगी मनोकामनाएं

शुक्र प्रदोष की पूजा शुभता एवं भौतिक सुख देने वाली माना गया है. कुंडली में मौजुद शुक्र की शुभता को इस व्रत के द्वारा और भी अधिक बढ़ाया जा सकता है. सुख एवं समृद्धि प्रदान करने इस शुभ और महत्वपूर्ण व्रत के दिन शुक्र स्तुती कर लेना शुभ माना जाता है. यह प्रदोष व्रत भाग्य में वृद्धि के साथ-साथ सुख संपन्नता दिलाने वाला आना गया है. शुक्र प्रदोष के दिन यदि शुक्र के उपायों को कर लिया जाए तो इससे शुक्र ग्रह की शुभता के साथ साथ व्यक्ति को भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होती है. आइये जान लेते हैं शुक्र प्रदोष एवं शुक्र स्तुती का महत्व.
 
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शुक्र स्तोत्र

नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ।।
देवयानीपितस्तुभ्यं वेद वेदांगपारग: ।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ।।
प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।
नमस्तस्मै भगवते भृगु पुत्राय वेधसे ।।
तारा मण्डल मध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर:।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।
अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।
त्रिपुरा वासिनो दैत्यान शिव बाण प्रपीडितान ।।
विद्यया जीव यच्छुक्रो नमस्ते भृगु नन्दन ।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।
बलि राज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाण वन्दितम ।।
जीव पुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम:।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।
नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन:।।
य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।
राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।
अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।
यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत:।।
सर्व पापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि:।।
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