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इस साल सावन महीने में ही अधिकमास है, जिसके कारण इसकी अवधि बढ़कर दो महीने हो गई है. शास्त्रों के अनुसार सावन माह में अधिकमास का आरंभ भी मंगलागौरी व्रत से हो रहा है. ऎसे में इस बार पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने का विधान अधिक फलदायी भी होगा. मंगला गौरी व्रत के दिन पूजा-उपवास के साथ-साथ कुछ उपाय भी बताए गए हैं जो इस अधिकमास के समय पर करने से विशेष लाभ मिलेगा. इस उपाय को करने से कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव दूर हो जाता है. विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और अविवाहित लड़कियों के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
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मंगलदोष शांति के साथ मिलेगा विवाह का सुख
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल जब लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में होता है तो ऐसी स्थिति में मंगल दोष बनता है. कुंडली में मंगल दोष के कारण विवाह में बाधा आती है और यदि विवाह हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां आती हैं. इसे दूर करने के लिए सावन के मंगलवार को मां मंगला गौरी के साथ भगवान शिव का पूजन अवश्य करना चाहिए. ऎसा करने से मंगल दोष शांति होती है. तथा विवाह के प्रबल शुभ योग भी प्राप्त होते हैं.
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मंगला गौरी व्रत 2023 तिथियां
18 जुलाई को मंगला गौरी व्रत के साथ ही अधिकमास भी शुरू हो जाएगा. पहला गौरी व्रत 04 जुलाई को, दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई को और तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई को मनाया जाएगा. यह सावन के अधिकमास महीने में पड़ेगा, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके बाद आने वाली मंगला गौरी व्रत की अन्य तिथियां इस प्रकार रहने वाली हैं. चतुर्थ मंगला गौरी व्रत - 25 जुलाई (अधिकमास), पांचवां मंगला गौरी व्रत - 01 अगस्त (अधिकमास), छठा मंगला गौरी व्रत - 08 अगस्त (अधिकमास), सातवां मंगला गौरी व्रत - 15 अगस्त (अधिकमास), आठवां मंगला गौरी व्रत - 22 अगस्त, नवम मंगला गौरी व्रत - 29 अगस्त के दिन मनाया जाएगा.