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वर्ष में जोड़े गए अधिक मास को अशुभ माना जाता है, इसमें शुभ कार्य करना वर्जित होता है, इसलिए इसे मलमास कहा जाता है. मलमास के अधिष्ठाता देवता भगवान पुरूषोत्तम हैं, इसलिए मलमास को पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है.
यह मलमास श्रावण माह में जुड़ रहा है, जिसके कारण सावन माह 59 दिनों का हो गया है. आइये जानतें हैं कि मलमास कब से शुरू हो रहा है और कब समाप्त होगा और इस मास में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
मलमास 2023 प्रारंभ
17 जुलाई, 2023 सोमवार को श्रावण मास की अमावस्या है. यह सोमवती अमावस्या है. अगले दिन यानी 18 जुलाई से मलमास मास शुरू हो जाएगा. 18 जुलाई को मलमास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी.
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मलमास के कृष्ण पक्ष के बाद यानी मलमास अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष प्रारंभ होगा, इसके बाद फिर मलमास पूर्णिमा तिथि आएगी. यह माह मलमास पूर्णिमा या सावन अधिक मास पूर्णिमा को समाप्त होगा. इस वर्ष मलमास पूर्णिमा 16 अगस्त को है. मलमास पूर्णिमा के बाद सावन का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा.
मलमास में नहीं करने चहिए ये कार्य
मलमास के समय में शुभ कार्य करना वर्जित होता है. इस कारण इस माह में गृह प्रवेश, विवाह, नामकरण, तिलक, मुंडन, सगाई आदि नहीं किए जाते हैं. मलमास के दौरान नया घर, नया मकान भूमि, नए कपड़े, दुकान आदि नहीं खरीदना चाहिए. ऐसा करना अशुभ हो सकता है. इस महीने में सरसों, उड़द की दाल, मसूर की दाल, मूली, सभी प्रकार की पत्तागोभी, साग, पत्तेदार सब्जियां, शहद आदि का सेवन न करें. शास्त्रों में इसकी मनाही है. मलमास में लहसुन, प्याज, मांस, मछली आदि तामसिक चीजों का सेवन वर्जित है.
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मलमास में क्या करें
मलमास भगवान विष्णु की आराधना का महीना होता है इसलिए इस माह के दौरान भगवान के नाम का जाप करना आवश्यक कार्य होता है. इस माह के दौरान पवित्र नदियों में स्नान एवं दान से जुड़े कार्यों को करना चाहिए.