Maa Kalratri
- फोटो : my jyotish
शारदीय नवरात्रों का सातवां दिन माता काल रात्रि के पूजन का होता है. इस समय पर भक्त देवी कालरात्रि का पूजन भक्ति भाव से करते हैं. सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा को विशेष नियमों द्वारा संपन्न किया जाता है. दुर्गा पूजा में माता के इस रुप द्वारा शत्रुओं का नाश होता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को कष्टों से निजात मिलती है. पापों से मुक्ति मिलती है. जीवन में मौजूद शत्रुओं का भी नाश होता है. माता का रंग काला होने के कारण उन्हें कालरात्रि कहा जाता है. देवी का यह रुप शत्रुओं को समाप्त करता है ओर भक्तों को सुख देता है.
कामाख्या देवी शक्ति पीठ में शारदीय नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023 - Durga Saptashati Path Online
देवी कालरात्रि की पूजा विधि
सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा करने का नियम है. नवरात्रि में सप्तमी तिथि को विशेष महत्व दिया गया है. मां कालरात्रि ने यह रूप राक्षसों का वध करने के लिए धारण किया था. ऐसा माना जाता है कि जो भक्त मां कालरात्रि की पूजा करते हैं उन्हें भूत, प्रेत या बुरी शक्तियों का डर नहीं रहता. मां कालरात्रि की नासिका से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती हैं. मां कालरात्रि का वाहन गर्धव यानी गधा है. शक्ति का यह रूप शत्रुओं और दुष्टों का नाश करने वाला है. ऐसा माना जाता है कि मां कालरात्रि वह देवी हैं जिन्होंने मधु कैटभ जैसे राक्षसों का वध किया था. ऐसा माना जाता है कि अगर महासप्तमी के दिन पूरे विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा की जाए तो देवी मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है.
इस शारदीय नवरात्रि कराएं खेत्री, कलश स्थापना 9 दिन का अनुष्ठान , माँ दुर्गा के आशीर्वाद से होगी सभी मनोकामनाएं पूरी - 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023
शारदीय नवरात्रि के इस दिन पर भक्तों को चाहिए की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. साथ ही सबसे पहले भगवान गणेश की स्तुति करते हुए देवी के नामों का समतण करें. इसके बाद धूप-दीप जलाएं तथा माता की विधिवत पूजा करें. माता के पूजन में अक्षत, धूप, फूल, गंध, रोली, चंदन द्वारा देवी की पूजा करनी चाहिए. मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीजें बहुत पसंद हैं. इसके साथ ही शहद भी माता को बेहद प्रिय रहा है. सप्तमी के दिन माता रानी को तिल एवं गुण से बनी चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
विंध्याचल में कराएं शारदीय नवरात्रि दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ पाएं अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य : 15 अक्टूबर - 23 अक्टूबर 2023 - Durga Sahasranam Path Online
देवी कालरात्रि स्वरुप पूजा
मां कालरात्रि की तीन आंखें हैं, इनका वाहन गधा है. मां दुर्गा का यह रूप अत्यंत उग्र और भयावह है. मां कालरात्रि सदैव अपने भक्तों का कल्याण करती हैं और इसी कारण से मां का एक नाम शुभंकरी भी है. मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति मिलती है. मां कालरात्रि की पूजा करते हुए भक्त अपनी पिड़ा से मुक्ति पाने में सक्षम होता है.
शारदीय नवरात्रि स्पेशल - 7 दिन, 7 शक्तिपीठ में श्रृंगार पूजा : 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023