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Home ›   Blogs Hindi ›   Maa Brahmacharini: Worshiping Brahmacharini on the second day of Shardiya Navratri gives the boon of devotion.

Maa Brahmacharini: शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी पूजन से मिलता है भक्ति का वरदान

my jyotish expert Updated 16 Oct 2023 09:59 AM IST
Maa Brahmacharini
Maa Brahmacharini - फोटो : google
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शारदीय नवरात्रि की पूजा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में की जाती है. इस साल नवरात्रि पूजा 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक की जाएगी. नवरात्रि के द्वितीय दिन नवदुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. अपने कठोर तप एवं साधना के कारण ही उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है. 

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माँ ब्रह्मचारिणी स्तोत्र
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्.
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी.
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

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इस वर्ष 16 अक्टूबर 2023 के दिन देवी ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाएगा. सोमवार के योग में माता का यह पूजन बेहद शुभ रहेगा. इस दिन भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक करने का भी विशेष फल प्राप्त होगा. नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. धर्म शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान शक्ति की पूजा करने से भक्तों को कभी कोई परेशानी नहीं होती और  सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं इस साल शारदीय नवरात्रि की द्वितीया तिथि और पूजा के विषय में. 

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माँ ब्रह्मचारिणी कथा  Maa Brahmacharini katha
देवी भागवत पुराण के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया. उन्होंने सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा लेकिन अपने पुत्र भगवान शिव और पुत्री सती को नहीं बुलाया. किंतु देवी सती अपने पिता के यज्ञ समारोह में चली गईं तथा अपने पति भगवान शिव के अपमान से क्रोधित होकर उन्होंने वहां यज्ञ विध्वंस कर दिया. उन्होंने यज्ञ की अग्नि में जलकर अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया उसके पश्चात उनना जन्म पर्वत राजा हिमालय के घर में हुआ और तत्ब पुन: भगवान शिव को पाने हेतु उन्होंने कठोर तप किया. कठोर तपस्या करके भगवान शिव को फिर से पति के रूप में प्राप्त किया. माता का यही योग तपस्या स्वरुप उनके इस स्वरुप का निर्माण करता है. 

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माँ ब्रह्मचारिणी पूजा महत्व brahmacharini puja ka mahatva
नवरात्रि पूजा में मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी का है. नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है. ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है तप का आचरण. तप का आचरण करने वाली माता ब्रह्मचारिणी सभी को सुखों को प्रदान करने वाली होती हैं.
 
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