खास बातें
Love Astrology : प्रेम संबंधों के बारे में जानें अपनी कुंडली से, और समय रहते रख लीजिए इन का ध्यानLove Yoga : जब प्यार होता है तो दुनिया हर रंग से अच्छी लगती है. ज्योतिष शास्त्र से हम यह जान सकते हैं कि किस स्थिति में हमारे प्रेम संबंधों की स्थिति अच्छी रहेगी और किस स्थिति में खराब. व्यक्ति का हृदय स्वच्छ और पवित्र हो जाता है. सच्चा प्यार आनंद एवं सुख के करीब लाता है.
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Love Astrology : प्रेम संबंधों के बारे में जानें अपनी कुंडली से, और समय रहते रख लीजिए इन का ध्यान
Love Yoga : जब प्यार होता है तो दुनिया हर रंग से अच्छी लगती है. ज्योतिष शास्त्र से हम यह जान सकते हैं कि किस स्थिति में हमारे प्रेम संबंधों की स्थिति अच्छी रहेगी और किस स्थिति में खराब. व्यक्ति का हृदय स्वच्छ और पवित्र हो जाता है. सच्चा प्यार आनंद एवं सुख के करीब लाता है.
Love yog in kundli:प्रेम का प्रभाव किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति ही तय करती है. इन ग्रहों कि स्थिति ही उसका वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंध कैसा रहेगा तय करने वाली होती है. जब प्यार में रुकावटें और परेशानियां आने लगती हैं तो इंसान परेशान हो जाता है. उसे कोई भी चीज़ पसंद नहीं आती, यदि प्रेम संबंधों में बाधा उत्पन्न करने वाले ग्रहों का पता लगाकर उपाय किया जाए तो समस्या का समाधान हो जाता है. आइए जानते हैं उन ग्रहों के बारे में जो प्रेम संबंधों में बाधाएं पैदा करने की कोशिश करते हैं और समय रहते कर लें अगर इनका ध्यान तो इन सभी समस्याओं से पा सकते हैं छुटकारा भी.
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कुंडली में प्रेम संबंधों की पड़ताल How to see a love in Kundli
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में पांचवां घर प्रेम का माना जाता है. यहीं से प्यार की शुरुआत होती है. यानी कि अगर आपकी कुंडली में 5वां घर अच्छा है यानी 5वें घर पर ग्रहों की अच्छी दृष्टि है तो ऐसे व्यक्ति के प्रेम संबंध बहुत अच्छे रहते हैं. लेकिन यदि कुंडली के पंचम भाव में अशुभ ग्रहों की स्थिति हो तो प्रेम संबंध में दरार आने की स्थिति बन जाती है. इसी तरह यदि शनि देव कुंडली के पांचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में स्थित हों तो प्रेम संबंध में दरार की स्थिति बनती है.जब हम किसी से प्यार करते हैं तो कभी-कभी हम अपने पार्टनर से बहुत ज्यादा उम्मीदें करने लगते हैं. हम चाहते हैं कि हमारा पार्टनर सिर्फ हमसे ही बात करे और हमारी ही बात सुने. कभी-कभी हमें बुरा लगता है अगर हमारा पार्टनर किसी और से ज्यादा संपर्क रखता है. जिसके कारण हमारे रिश्तों में दरार आने लगती है.
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प्रेम में मतभेद की स्थिति और बचाव का उपाय
ज्योतिष शास्त्र में प्रेम के कारकों के बारे में बताया गया है. कुंडली का पांचवां भाव प्रेम संबंधों का माना जाता है. जब कुंडली का पंचम भाव अशुभ एवं क्रूर ग्रहों से पीड़ित हो जाता है तो प्रेम संबंधों में अचानक परेशानियां आने लगती हैं. प्रेम जब कमजोर होता है तो मन में तनाव और नकारात्मक विचार मिलकर व्यक्ति को इस तरह जकड़ लेते हैं कि अगर समय रहते उपाय न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो जाती है.आए दिन तनाव और विवाद की स्थितियाँ उत्पन्न होती रहती हैं. कई बार कन्फ्यूजन के कारण प्रेम संबंधों में दिक्कतें आने लगती हैं.इन सब चीजों से बचने के लिए हमें एक-दूसरे को समझने की जरूरत है. जीवन में बदलाव होते रहते हैं, समय के साथ बदलते रहना हमारे लिए जरूरी है.
जब शनिदेव अशुभ होते हैं तो ब्रेकअप की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसके साथ ही कुछ अन्य ग्रह भी हैं जो प्रेम संबंधों में रूकावटें और रूकावटें पैदा करते हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रह माना जाता है. जब ये अशुभ होते हैं तो रिश्तों में उलझन पैदा करते हैं जिसके कारण कभी-कभी बिना मतलब की बातों पर विवाद हो जाता है. राहु और केतु भी अचानक परेशानी का कारण बनते हैं. इसलिए इन ग्रहों को शांत रखने के लिए इन ग्रहों की शांति कर लेनी चाहिए तथा इनके उपायों द्वारा रिश्तों को पुन: सही कर पाना भी संभव होता है.