- हिंदू धर्म की मान्यताओ के अनुसार शिवलिंग को कभी भी ऐसे स्थान पर स्थापित नहीं करना चाहिए जहां आप उसकी पूजा ना कर सकें। शिवलिंग की पूजा सदैव संपूर्ण विधि विधान से होनी चाहिए।
- शिव पुराण में जालंधर नाम के दैत्य को यह वरदान था की उसे युद्ध में कोई नहीं हरा सकता जब तक उसकी पत्नी वृंदा पतिव्रता रहेगी. उस दैत्य के अत्याचारों से सृष्टि को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रता होने का संकल्प भंग किया तथा महादेव ने जलंधर का वध. इसके बाद वृंदा तुलसी में परिवर्तित हो गई और उन्होंने अपनी पत्तियों को महादेव की पूजा में शामिल होने से मना कर दिया इसलिए तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल महादेव की पुजा के लिए वर्जित है।
- इसके अतिरिक्त हल्दी का प्रयोग भी कभी शिवलिंग पर नही करते हैं।
- हिन्दू धर्म की मान्यताओ के अनुसार कुमकुम का प्रयोग महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं जबकि महाकाल को विध्वंशकर्ता के रूप में जाना जाता है इसलिए कभी भी शिवलिंग पर कुमकुम नहीं चढ़ाते हैं।
- अगर कभी भी शिवलिंग का स्थान परिवर्तित कर रहे हों तो सदैव उसके आगे नतमस्तक होना चाहिए और गंगाजल में रखकर स्थान परिवर्तित करना चाहिए।
- शिवलिंग पर कभी भी पैकेट का या अशुद्ध दूध नहीं चढ़ाना चाहिए।
- शिवलिंग को सदैव ऐसी जगह स्थापित करना चहिए जहां अविरत जल की धार शिवलिंग पर गिरती रही क्योंकि ऐसा ना होने पर शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
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