आज हम जानेगें किन 10 बातों के अनुसरण से ईश्वर करने करेगें आपकी मदद
1.झूठ न बोलें:
लाल किताब के अनुसार कुंडली का दूसरा खाना बोलने और तीसरा खाना बोलने की कला से संबंध रखता है। पहला आपके पास क्या है और दूसरा आप उससे क्या कर सकते हैं? इससे संबंध रखता है। यदि आप झूठ बोलते हैं तो दूसरे और तीसरे भाव अर्थात खाने में अपने आप ही गलत असर चला जाता है।
कहते हैं कि पहला मनसा, दूसरा वाचा और तीसरा कर्मणा। कुंडली में दूसरा भाव आपके ससुराल, धन और परिवार का है और तीसरा भाव आपके कर्म और पराक्रम का भी है। अत: यदि आप झूठ बोलते हैं तो आपका पराक्रम भी जाता रहेगा।
2.मुंह से अपशब्द नहीं निकालें:
बहुत से लोग हैं, जो कि हर समय कटु वचन तो बोलते ही रहते हैं साथ ही वे मुंह से गाली भी देते रहते हैं। कहते हैं कि शरीर से कटु वचन और गाली तभी निकलती है जबकि व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक बल क्षीण होता है। उसमें सोचने-समझने की शक्ति नहीं होती है।
इस प्रकार का भाषण करने वाले लोग खुद को, अपने घर को और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी बर्बाद कर देते हैं।
3. निर्दयी न बनें:
निर्दयता या क्रूरता करने से हृदय मर जाता है। किसी जीव व निर्दोष प्राणी के लिए भी मन में दया नहीं रहती है। क्रूर व्यक्ति और हिंसक पशु में कोई फर्क नहीं होता है। क्रूर व्यक्ति का मन खराब और खतरनाक होता है। किसी के लग्न, पंचम या नवम में मंगल या शनि का असर होता है, तो वह मंगल की जगह क्रूर और शनि से कुछ भी नहीं समझने वाला माना जाता है।
4.अनिश्वरवादी न बनें:
लाल किताब के अनुसार ईश्वर पर विश्वास न रखने वाला अनीश्वरवादी और ईश्वरविरोधी होता है। ऐसा व्यक्ति भ्रमित और विरोधाभासी होता है, साथ ही वह किसी पर भी विश्वास नहीं रखने वाला भी होता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार के दुखों का सामना करना होता है या जीवन के अंत में उसके समक्ष मात्र अंधकार होता है।
5.देवी-देवताओं में रखें श्रद्धा:
देवी या देवता ईश्वर के प्रतिनिधि हैं। पराशक्तियां, अलौकिक शक्तियां या अच्छी आत्माएं आपके प्रत्येक कर्म को देख रही हैं। आप सच बोल रहे हैं या झूठ? आप अच्छा कार्य कर रहे हैं या बुरा कार्य? इन सबको देखने और सुनने वाले हैं देवी और देवता। जब आप मंदिर जाते हैं तो काली, दुर्गा, भैरव, शिव, महाकाल, राम, कृष्ण आदि के समक्ष खड़े होकर कुछ मांगते हो या उनकी प्रार्थना पूजा करते हो तब यह नहीं सोचते हो कि ये सभी देवी और देवता मेरे अच्छे और बुरे कर्म को जानते हैं?
आपकी हर एक शारीरिक और मानसिक हरकत को देवी और देवता समझते हैं।
6.कभी भी ब्याज का धंधा ना करें:
लाल किताब के अनुसार ब्याज का धंधा करने से शनि का प्रकोप प्रारंभ हो जाता है। यह जीवन के किसी भी मोड़ पर दंड देता है। कभी-कभी यह भयंकर परिणाम देने वाला होता है, तो कभी यह संचित कर्म का हिस्सा बन जाता है। हालांकि इसके पीछे एक तथ्य यह है कि ब्याज का धंधा करने वाले को बद् दुआ ज्यादा मिलती है। उसकी बुद्धि रुपयों को लेकर अलग ही तरह की निर्मित हो जाती है।
7.शाकाहारी बने रहें:
वैसे यदि कुंडली में मंगल की स्थिति ठीक नहीं है, तो मांस-मछली नहीं खाना चाहिए। कहते हैं कि खून खराब होने से मंगल खराब हो जाता है। मंगल के खराब होने से जीवन से पराक्रम, कार्य और शांति नष्ट हो जाती है। खून के खराब होने से और भी कई तरह की समस्याएं जन्मती हैं।
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8.शराब न पिएं:
जिस तरह से मांस खाने से मंगल खराब होता है, उसी तरह शराब पीने से शनि और राहु। राहु हमारे दिमाग की ताकत है, दिमाग नहीं। जैसे बादल में बिजली होती है, जो दिखाई नहीं देती लेकिन जब किसी पर गिरती है, तो जान ले लेती है। चमकी है तो अंधा कर सकती है।
9.पराई स्त्री के साथ संबंध ना बनाएं:
ये सबसे बुरा काम माना जाता है । इससे शुक्र खराब हो जाता है। और लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है। अंतत: धन, सुख और वैभव नष्ट हो जाता है। यदि आपकी शादी हो गई है और फिर भी किसी अन्य स्त्री के साथ रमण करते हैं तो यह धोखा देने के साथ पाप भी है। यही नियम किसी ऐसी स्त्री पर भी लागू होता है, जो कि पराए मर्द के साथ संबंधों में है। लाल किताब के अनुसार यह सबसे बुरा कर्म होता है जिसके परिणाम व्यक्ति को आज नहीं, तो कल भुगतना ही होते हैं।
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