पर क्या आप जानते हैं?
जो शनि देव दूसरे को उनकी गलती के लिए सजा देते उन्हें अपनी पत्नी से श्राप मिला था |
आज हम जानेगें, इसके पीछे की कथा
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ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे जब शनि देव बड़े हुए तो उनका
विवाह चित्ररथ की कन्या से किया गया । जो की परम तेजस्विनी थीं एक समय की बात है ।
एक बार पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से वे इनके पास पहुंची पर शनि श्रीकृष्ण के ध्यान में मग्न थे । पत्नी प्रतीक्षा करते हुए थक गईं और क्रोध में आकर उन्होंने शनि को श्राप दे दिया कि आज से आप जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा । उसके पश्चात जब शनि का ध्यान टूट जाता है । तब शनिदेव ने अपनी पत्नी को समझते हुए उन्हें उनकी गलती बताते है जिस पर उन्हें बाद में पश्चाताप भी होता है । किन्तु भला बोले गए वचन तो वापस नहीं लिए जा सकते थे । उस दिन से शनिदेव अपना सिर नीचा रखने लगे क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसी का अनिष्ट हो ।
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