जानिए आखिर क्यों नहीं पहनी जाती सोने की बिछिया।
बिछिया सुहाग का प्रतीक है ।सुहागिन महिलाएं बिछिया पहनती है। बिछिया अक्सर चांदी स्टील की पहनते हैं। हिंदू ग्रंथों के अनुसार दोनों पैरों में चांदी की बिछिया पहनने से महिलाओं को आने वाली मासिक चक्र नियमित हो जाती है। बिछिया अक्सर चांदी या स्टील की पहनते हैं। हिन्दू ग्रंथों के अनुसार दोनों पैरों में चांदी की बिछिया पहनने से महिलाओं को आने वाली मासिक चक्र नियमित हो जाती है। इससे महिलाओं को गर्भधारण में आसानी होती है । बिछिया पहनने का प्रचलन रामायण काल में भी मिलता है क्या क्यों नहीं पहनते हैं।
हिंदुओं में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें लोग सदियों से मानते आ रहे हैं। इनमें से एक मान्यता यह है कि पैरों में सोने से बनी हुई पायल या बिछिया नहीं पहननी चाहिए। इस मान्यता के होने के पीछे की वजह यह है कि भगवान विष्णु को सोना बहुत पसंद है। चलिए जानते हैं सोने की बिछिया से जुड़े कुछ अनकहे तथ्य।
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
*सोना एक पवित्र धातु है। यह बृहस्पति की धातु है जिसे हमेशा सिर पर ,गले में और बाजू में ही धारण किया जाता है।
*यदि आपने सोना धारण कर रखा है तो आप शराब और मांसाहार का सेवन ना करें ।ऐसा करने से आप समस्याओं से यह सकते हैं। सोना बृहस्पति की पवित्र धातु है और इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।
*सोना एक गर्म धातु है और चांदी ठंडी। अब आपको यह देखना होगा कि आप की तासीर कैसी है । यदि गर्म है तो सोना पहनने से आपको सेहत की समस्या हो सकती है।
*महिलाओं को कमर में सोना धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है। पेट के अलावा ,गर्भाशय ,यूटेरस यादी संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।
नवरात्रि स्पेशल - 7 दिन, 7 शक्तिपीठ में कराएं श्रृंगार पूजा।
*पैरों में सोने की बिछिया यह पायल नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही पवित्र धातु है। यह बृहस्पति की धातु है। पैरों में पहनने से दांपत्य जीवन में परेशानी आती है।
*सोने की बिछिया शारीरिक गर्मी का संतुलन खराब करके रोग उत्पन्न कर सकती है। सोना ऊर्जा और गर्मी दोनों ही पैदा करता है साथी व विष के प्रभाव को दूर भी करता है।
अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।
अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।