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सुबह का समय ईश्वर का समय माना जाता है, इस समय की गयी पूजा जल्दी सफल हो जाती है। सुबह सूर्य उदय के समय सभी दिव्य शक्तियां जागृत हो जाती हैं जिसके कारण इस समय उठकर पूजा करने वाले श्रद्धालुओं पर ईश्वर की असीम कृपा बरसती है। जिस प्रकार सूर्य की किरणों से पुष्प, फल सभी जीव -जंतु को फ़ायदा प्रदान करता है, उसी प्रकार मनुष्य शरीर के लिए भी सुबह की पहली किरणें बहुत लाभदायक मानी जाती हैं। 12 से 4 बजे तक का समय पितरों की पूजा के लिए शुभ माना गया है, परन्तु इस समय भगवान की आराधना का पर्याप्त फल नहीं मिलता है।
ईश्वर की पूजा के समय हमारा मन शांत होना बहुत जरुरी है क्योंकि अशांत मन से की हुई पूजा पूरी नहीं होती। पूजा के समय मन एकाग्र होना अति आवश्यक है क्योंकि शांत मन से पूजा में ध्यान लगा रहता है। सुबह के समय जागने पर हमारा मन शांत रहता है और स्थिर मन से पूजा करते समय मन में इधर उधर के विचार नहीं आते है और पूजा सफल रूप से पूर्ण हो जाती है। दिन के समय पूजा करने की कमियां है की उस समय तक मन में अलग-अलग ख्यालों से मन एकाग्र नहीं हो पाता है।
सुबह पूजा करने से मन प्रसन्न रहता है जो पूरे दिन में आने वाले तनावों से मन को बचा कर रखता है और मानसिक दृष्टि से दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं पड़ने देता। सुबह जल्दी उठने से स्वास्थ्य भी अच्छा होता है तथा चमकती त्वचा का अनुभव होता है। पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं साथ ही साथ सुबह पूजा करने से दिमाग तेजी से चलता है। हम एक समय अनेक कार्य करने में सक्षम हो पाते है।
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