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Shiv Pujan: किसकी पूजा में नहीं करना चाहिये शंख का प्रयोग क्या इसके पीछे का कारण

Myjyotish Expert Updated 26 Feb 2022 02:01 PM IST
किसकी पूजा में नहीं करना चाहिये शंख का प्रयोग क्या इसके पीछे का कारण
किसकी पूजा में नहीं करना चाहिये शंख का प्रयोग क्या इसके पीछे का कारण - फोटो : google
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किसकी पूजा में नहीं करना चाहिये शंख का प्रयोग क्या इसके पीछे का कारण


आप सभी जानते है की हिन्दू धर्म में शंख की क्या मान्यतायें है। भगवान विष्णु को शंख कितना प्रिय है उनकी पूजा में शंख का इस्तेमाल किया जाता है। परंतु क्या आप जानते है कि एक भगवान ऐसे भी है जिनकी पूजा में शंख का इस्तेमाल करना वर्जित है। जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण को दही कितनी प्रिय है लेकिन संतोषी माता को खटाई का भोग नही लगाया जाता है। उसी प्रकार से भगवान विष्णु उनकी पूजा में शंख का इस्तेमाल करने से प्रसन्न होते है लेकिन वही शंख भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नही किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों तो हम आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी देंगे।

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कहते है पुरातन कथा के अनुसार एक समय श्री राधा गोलोक धाम से कहीं बाहर गई हुई थी। भगवान श्री कृष्ण अपनी सखी विरजा के साथ विहार कर रहे थे। उसी समय राधा वहां पहुंची और श्री कष्ण को सखी विरजा के साथ देख कर बहुत क्रोधित हुई। क्रोध में उन्होंने कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिससे विरजा को बहुत लज्जा महसूस हुई। लज्जावश विरजा नदी बनकर बहने लगी। श्री राधा के क्रोध भरे शब्दों को सुन कर भगवान श्री कृष्ण के मित्र सुदामा को बहुत बुरा लगा उन्होंने श्री राधा से ऊंचे स्वर में बात की। जिससे क्रोधित श्री राधा ने सुदामा को दानव बनने का श्राप दे दिया।

आवेश में आये सुदामा ने भी हित अहित का विचार किए बिना श्री राधा रानी को मनुष्य योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया। श्री राधा रानी के श्राप से सुदामा शंखचूर नाम का दानव बना। दंभ के पुत्र शंखचूर का वर्णन शिवपुराण में भी मिलता है। यह अपने बल के अवेशष में तीनों लोकों का स्वामी बन बैठा और साथ ही सभी साधु-संतों को सताने लगा। साधु-संतों की रक्षा के लिए भगवान शिव ने शंखचूर का वध कर दिया। शंखचूर श्री विष्णु और देवी लक्ष्मी का परम प्रिय भक्त था। भगवान विष्णु ने इसकी हड्डियों से शंख का निर्माण किया इसलिए विष्णु एवं अन्य देवी देवताओं को शंख से जल अर्पित किया जाता है।

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लेकिन भगवान शिव की पूजा में शंख का न तो प्रयोग होता है और न ही जल दिया जाता है और न भगवान शिव की पूजा में शंख बजाया जाता है क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है।

यही है वो कारण जिसके चलते भगवान शिव की पूजा में शंख के इस्तेमाल नही किया जाता है। यदि आप भी शंक का इस्तेमाल कर रहे थे अभी तक भगवान शिव की पूजा में तो तुरंत बंद कर दे।

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अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।

 
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