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Home ›   Blogs Hindi ›   Chandra Grahan 2020: All You Need to Know About July 5 Penumbral Chandra Grahan

चंद्रग्रहण 2020: जाने 5 जुलाई को लगने वाले चंद्रग्रहण के बारे में सब कुछ

Myjyotish Expert Updated 01 Jul 2020 02:01 PM IST
चंद्रग्रहण 5 जुलाई 2020
चंद्रग्रहण 5 जुलाई 2020 - फोटो : Myjyotish
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चंद्र ग्रहण 2020 : 5 जुलाई 2020 , रविवार को गुरु पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण। यह इस वर्ष का तीसरा चंद्र ग्रहण होने वाला है। यह सामान्य चंद्र ग्रहण से भिन्न उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है। शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण का समय अच्छा नहीं होता है। जिसके कारण इस समय विशेष सावधानियां रखने की आवश्यकता होती है। कहा जाता है की चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बहुत अधिक हो जाता है। जिसके बचाव के लिए व्यक्ति को बहुत से उपाय भी करने होतें है। अनुमान के अनुसार 5 जुलाई को लगने वाला यह ग्रहण करीब तीन घंटे तक रहेगा। यह ग्रहण 8 :05  से शुरू होकर 10 : 52 मिनट तक लगेगा। वैसे तो यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा परन्तु इसके प्रभावों से बचाव करना आवश्यक होगा।

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कब होता है उपछाया चंद्र ग्रहण ?

चंद्र ग्रहण का होना एक खगोलीय घटना है। जिसमें यह बहुत ही महत्वपूर्ण है की व्यक्ति इस घटना से स्वयं पर होने वाले प्रभावों से बचने के सभी उपायों को करता रहें। उपछाया चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी सूर्य एवं चन्द्रमा के मध्य आती है , जिससे यह एक सीधे कतार में पड़ते है। इस स्थिति में चँद्रमा के कारण सूर्य आंशिक रूप से ढक जाता है। और यही ढका हुआ अंश सभी ग्रहण के रूप में देखते है। चंद्र ग्रहण को लेकर बहुत से नियम है जिनका पालन करना जरुरी होता है। उन नियमों को मनुष्य स्वास्थ एवं ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जिसमें दान एवं मंत्रों का जाप सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है।

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 ग्रहण के समय क्या करना चाहिए ?

ग्रहण के समय मंत्रों का जाप करने से किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव व्यक्ति को कष्ट नहीं पंहुचा पातें है। ठीक उसी प्रकार ग्रहण के प्रभावों को विफल करने के लिए ग्रहण के बाद दान करना भी बहुत उत्तम माना जाता है ,इस बार का चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होने वाला , जिसके कारण इस दिन गुरु यानि भगवान विष्णु के सत्य स्वरुप की आराधना करना भी बहुत फलदायक होगा। बहुत से लोग इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ भी करतें है। साथ ही ब्राह्मण रुपी गुरु को भोज करवाया जाता है। कहा जाता है ब्राह्मण ईश्वर के सबसे निकट होता है जिसके कारण उन्हें कथा के पश्चात् भोज करवाने से बहुत ही उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

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