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Kharmas In 2024: जानें ज्योतिष में खरमास का महत्व और खर मास से जुड़े विशेष तथ्यKharmas kya hai: सूर्य का गुरु की राशियों में भ्रमण ही खर मास कहा जाता है. इस समय 14 मार्च से खरमास लग गया है क्योंकि सूर्य का प्रवेश इस समय पर मीन राशि में हुआ है.
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Kharmas In 2024: जानें ज्योतिष में खरमास का महत्व और खर मास से जुड़े विशेष तथ्य
Kharmas kya hai: सूर्य का गुरु की राशियों में भ्रमण ही खर मास कहा जाता है. इस समय 14 मार्च से खरमास लग गया है क्योंकि सूर्य का प्रवेश इस समय पर मीन राशि में हुआ है. अब एक माह के लिए स्थिति खरमास की कहलाएगी.
Astrological importance of Khar month ज्योतिष अनुसार सुर्य प्रत्येक मास अपनी राशि में बदलाव करता है. सूर्य का राशि गोचर का समय अलग अलग नामों से जाना जाता है.सूर्य जब धनु राशि अथवा मीन राशि में होता है तो इस समय को ज्योतिष अनुसार खर मास के रुप में जाना जाता है.
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इस साल सूर्य के मीन राशि में गोचर की स्थिति एक माह तक रहने वाली है. यह संपूर्ण समय खर मास कहलाएगा. 14 मार्च से 15 अप्रैल तक का समय इसी रुप में जाना जाएगा. इसकी यह अवधि खर मास की बनी रहने वाली है. सूर्य के मीन राशि में गोचर के साथ ही खरमास शुरू हो जाता है इसे संक्रांति काल भी कहा जाता है. हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास कई रुपों में विशेष रहा है. इस समय को आध्यात्मिक रुप से बहुत विशेष माना जाता है. किंतु कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करने का विचार भी इस समय पर मिलता है. आइये जान लेते हैं खर मास की स्थिति और इसके नियम विशेष.
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खरमास शुरू होते ही शुभ कार्यों में हो जाती है मनाही
इस साल सूर्य की मीन राशि में गोचर की स्थिति एक महीने तक रहने वाली है. यह संपूर्ण समय खर मास कहलाएगा. सूर्य की एक माह की स्थिति खर मास तक रहने वाली होने से इस समय सूर्य उपासना विशेष होती है. किंतु मांगलिक शुभ कार्य कुछ समय के लिए रुक जाते हैं. सूर्य के मीन राशि में गोचर के साथ ही खरमास प्रारंभ हो जाता है, इसे संक्रांति काल भी कहा जाता है. हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास कई मायनों में खास रहा है. यह समय आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है. इस समय कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य न करने का विचार भी पाया जाता है. इस माह में विवाह, गृहारंभ, गृहप्रवेश, नए कार्य का आरंभ आदि शुभ कार्य शास्त्रों के अनुसार वर्जित माने गए हैं.होलिका दहन पर पवित्र अग्नि में कराएं विशेष वस्तु अर्पित, होंगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न - 24 मार्च 2024
खरमास में सूर्य उपासना का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार संपूर्ण संसार सूर्य ऊर्जा से ही प्रकाशमान है. सूर्य देव को जीवन शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है. ऎसे में खर मास में जो लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं उन्हें जीवन में यश और सम्मान मिलता है. यह भी माना जाता है कि खरमास के समय सूर्य देव का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शरीर स्वस्थ रहता है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. खर मास के दौरान सूर्य स्त्रोत का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. खर मास के समय सूर्य पूजन व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं और परेशानियों से बचाता है, वहीं सूर्य स्त्रोत व्यक्ति का कल्याण करता है.पूजा बुक करें!: https://www.myjyotish.com/astrology-services/puja
सूर्य स्तोत्र का पाठ खर मास के दौरान देता है विशेष फल
प्रात: स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यंरूपं हि मण्डलमृचोऽथ तनुर्यजूंषी। सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यचिन्त्यरूपम् ।।प्रातर्नमामि तरणिं तनुवाऽमनोभि ब्रह्मेन्द्रपूर्वकसुरैनतमर्चितं च। वृष्टि प्रमोचन विनिग्रह हेतुभूतं त्रैलोक्य पालनपरंत्रिगुणात्मकं च।।
प्रातर्भजामि सवितारमनन्तशक्तिं पापौघशत्रुभयरोगहरं परं चं। तं सर्वलोककनाकात्मककालमूर्ति गोकण्ठबंधन विमोचनमादिदेवम् ।।
ॐ चित्रं देवानामुदगादनीकं चक्षुर्मित्रस्य वरुणस्याग्ने:। आप्रा धावाप्रथिवी अन्तरिक्षं सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्र्व ।।
सूर्यो देवीमुषसं रोचमानां मत्योन योषामभ्येति पश्र्वात्। यत्रा नरो देवयन्तो युगानि वितन्वते प्रति भद्राय भद्रम् ।।
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