यूं तो आप भगवान शिव की सेवा कभी भी कर सकते हैं। परंतु यही सेवा अगर आप सावन मास में करते हैं तो उसका महत्व कुछ और ही होता है।
सावन मास का हर दिन भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम व सर्वश्रेष्ठ होता है। इन दिनों आप भगवान शिव और मां पार्वती की विधि - विधान के साथ पूजा करके उन की असीम कृपा को पा सकते हैं। मान्यता ये भी मानी जाती है की इस पूरे महीने भगवान शिव मुख्य रूप से काफी प्रसन्न रहते हैं, वो भक्तों की परेशानियों का जल्द ही हरण करते हैं व उनकी अधूरी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।
लेकिन सावन मास में सोमवार का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना गया हैं। शायद इसलिए क्योंकि यह भगवान शिव के प्रिय दिनों में से एक है या इसलिए भी क्योंकि सावन सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्द प्राप्त होता है।
ग्रह दोष होंगे समाप्त, इस सावन करवाएं विशेष नवग्रह पूजन, फ़्री में, अभी बुक करें
सावन मास में चाहे वो सोमवार के व्रत हो या फिर हो मंगल गौरी के व्रत, दोनों ही शिव की शक्ति व कृपा प्राप्त करने के लिए उच्च साधन है। अगर आप किन्ही कारणों से इन दोनों व्रतों को नहीं कर पाते हैं, तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। आप सावन मास में पढ़ने वाली शिवरात्रि का व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं व साथ ही साथ उनका आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं। सावन शिवरात्रि का व्रत भी विशेष महत्व रखता है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हुए आप भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा कर उनकी कृपा का लाभ उठा सकते हैं।
पिछले महीने की 25 तारीख से ही सावन मास का शुभ आरंभ हो चुका है। इसके साथ ही साथ इस महीने आने वाले त्योहारों निधि अपनी शुरुआत कर दी हैं।
आइए अब देखते हैं इस महीने के कुछ प्रमुख व्रत व त्योहारों की पूरी लिस्ट :-
11 अगस्त को हरियाली तीज
13 अगस्त को नाग पंचमी
22 अगस्त को श्रवण पूर्णिमा व रक्षाबंधन
24 अगस्त को कजरी तीज
30 अगस्त को जन्माष्टमी महोत्सव और 31 अगस्त को गुग्गा नवमी जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों की शुरुआत इस महीने के जरिए हो चुकी है।
महाशिवरात्रि 2021: जानें भगवान शिव को क्या करें अर्पण और किन चीजों को रखें दूर
सौभाग्य व आरोग्य प्राप्ति के लिए सावन शिवरात्रि का व्रत :-
सावन शिवरात्रि का व्रत रखने से कुंवारे लोगों को मनचाहा जीवनसाथी मिल जाता है व वैवाहिक जीवन में आ रहे कष्टों का भी हरनण हो जाता है। कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में अड़चनें आ रही हैं, उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत जरूर करना चाहिए। इसे विवाह में आने वाली सभी अड़चनें दूर हो जाती है और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा विवाहित जुड़ो के ये व्रत करने से उनके वैवाहिक जीवन में आ रहे संकट दूर हो जाते हैं।
सावन शिवरात्रि का व्रत व इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में शांति, रक्षा, सौभाग्य व आरोग्य की प्राप्ति होती है व मान्यता यह भी है कि, सावन शिवरात्रि का व्रत सभी पापों को नष्ट कर देता है।
यहाँ करें क्लिक और जानें, कौन सी राशि के साथी देते हैं सम्बन्धों से अधिक धन को महत्व
इस साल कब है सावन शिवरात्रि?
मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है। उसे एक दिन पहले ही प्रदोष का व्रत रखा जाता है व हिंदू पंचांग के अनुसार इस सावन मास के चतुर्दशी तिथि यानी कि 6 अगस्त 2021 दिन शुक्रवार को पड़ेगी। चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त को शाम 6:28 पर शुरू होकर 7 अगस्त दिन शनिवार शाम 7:11 तक रहेगी। हालांकि सावन शिवरात्रि का व्रत 6 अगस्त को ही रखा जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त :-
हिंदू शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता हैं। इस साल निशिता काल कुल 43 मिनट का है। जो कि 6 अगस्त की रात्रि 12:06 मिनट से शुरू होगा व देर रात 12: 48 मिनट तक रहेगा
यदि आप निशिता काल में पूजा नहीं कर सकते हैं, तो नीचे दिए गए इन शुभ मुहूर्त में
विधि - विधान के साथ अपनी आराधना को आरंभ कीजिए।
6 अगस्त दिन शुक्रवार
शाम के समय 7:08 बजे से रात्रि के 9:48 बजे तक
व व रात्रि के 9:48 बजे से देर रात 12:27 बजे तक।
7 अगस्त दिन शनिवार
देर रात 12:27 बजे से तड़के 3:06 बजे तक
व सुबह 3:06 बज से 5:46 बजे तक।
7 अगस्त का होगा व्रत पारण
कभी भी शिवरात्रि के व्रत का पारण उसी दिन नहीं किया जाता है। व्रत होने के बाद उसके अगले दिन ही व्रत का पारण किया जाता है। 6 अगस्त 2021 को सावन मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा, ऐसे में व्रत का पारण 7 अगस्त को ही किया जाएगा। 7 अगस्त की सुबह 5:46 बजे से लेकर दोपहर के 3:45 बजे तक इसी बीच आप कभी भी व्रत का पारण कर सकते हैं। स्नान के बाद ही व्रत का पारण करें और सामर्थ्य के अनुसार ही जरूरतमंदों को दान दे।
जानिए अपना भविष्य, मुफ़्त में जन्म कुंडली देखकर
सावन 2021: सावन के अंतिम सोमवार से पहले जानें कैसे करें इस दिन शिव शंभु को प्रसन्न, पूजा विधि व महत्व