हिंदी वर्ष के पांचवे महीने यानी श्रावण मास की शुरुआत 25 जुलाई से हो चुकी है। इस महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। ये पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। भगवान शिव के साथ-साथ इस पूरे महीने लोग माता पार्वती की भी पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में पार्वती मां की गहन तपस्या देखकर शिव जी उनसे बेहद प्रसन्न हुए थे। इसके पश्चात ही शिव जी उनसे विवाह करने के लिए तैयार हुए थे। इस महीने माता पार्वती की भी पूजा करने का उतना ही महत्व है जितना भोलेनाथ की पूजा का। कहते हैं इस दौरान शिव जी के साथ पार्वती मां भी पूरी सृष्टि के चक्कर लगाती हैं और सब पर अपनी दृष्टि बनाए रखती हैं। इसलिए माता को प्रसन्न करने का भी ये सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। ख़ासतौर पर सुहागिन स्त्रियों के लिए ये करना और भी लाभदायक साबित हो सकता है। श्रावण मास में को विवाहित स्त्रियां हरियाली तीज और मंगला गौरी जैसे व्रत रखकर माता को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं। मान्यता है कि अगर इस दौरान पार्वती मां यदि किसी स्त्री पर प्रसन्न होती हैं तो उसका दांपत्य जीवन खुशियों से बाहर जाता है। इसके साथ ही उस स्त्री के पति को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। आप मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही 6 उपाय बताएंगे जिन्हें श्रावण मास में रोज़ाना करने से माता आप पर अत्यंत प्रसन्न होंगी। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो उपाय।
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