सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
इस बार, अधिक महीने के कारण, भक्तों को 2 महीने के लिए अपनी भक्ति से पूर्ण यात्रा को करने का मौका मिलेगा. ऐसी स्थिति में, कांवड यात्रा के दौरान कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है अन्यथा कावंड यात्रा को सफल नहीं माना जाता है. इस यात्रा के नियमों को ध्यान में रखते हुए यदि यह यात्रा की जाए तो जीवन में सदैव शुभता का प्रवाह बना रह सकता है.
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कांवड यात्रा में, शिव भक्तों के भक्त पैदल और लंबी यात्रा पर जाना होता है, यह समय गंगा नदी के पवित्र जल को कांवड में लाने का होता है. इस दिन भगवान शिव के प्रति शृद्धा को प्रकट करने बेहद विशेष समय होता है. माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को पानी की पेशकश करके, एक व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
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कांवड़ यात्रा में इन चीजों का रखें ख्याल
जब भी कांवड़ यात्रा को आरंभ करने से पूर्व शुद्धि एवं मानसिक शुचिता का रखें ध्यान. इस समय पर चमड़े के पर्स, चमड़े की बेल्ट, चप्पल आदि जैसे चमड़े का सामान हमारे साथ नहीं रखना चाहिए.
इस वस्तु को पूजा इत्यादि के लिए शुभ नहीं माना जाता है, जानवरों की त्वचा से निर्मित यह चीजें शुभता को भंग कर देने वाली होती हैं. यात्रा के दौरान, शराब, सिगरेट, तामसिक भोजन इत्यादि से दुर रहना चाहिए. सभी प्रकार के नशे को छोड़ दिया जाना चाहिए.
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कावंड यात्रा लेने जाते हैं, तो आप अपनी भाषा में बदलाव लाते हैं. जैसे कि किसी भी गलत भाषा का उपयोग करना बहुत खराब स्थिति को देता है. दुर्व्यवहार करना, अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना और दूसरों के प्रति अपने दिमाग में गलत विचार लाना पूजा के फल को समाप्त कर देने वाला होता है.
कांवड यात्रा के दौरान आप को जो भी लोग भी मिलते हैं, उन्हें जय भोले, हर हर महादे जैसे नामों से संबोधित किया जाना अच्छा माना गया है,ऎसा करने से जीवन में शुभता बनी रहती है.