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Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी कब है जाने पूजा का समय शुभ मुहूर्त

Acharya RajRani Updated 11 Jul 2023 10:37 AM IST
Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी कब है जाने पूजा का समय शुभ मुहूर्त
Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी कब है जाने पूजा का समय शुभ मुहूर्त - फोटो : google
सावन माह के दौरान आने वाले कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाता है. भगवान श्री विष्णु के निमित्त रखे जाने वाले इस व्रत से समस्त कामनाएं पूर्ण होती हैं. कामिका एकादशी सावन माह के शुक्ल पक्ष में आती है और इस बार यह एकादशी 13 जुलाई को मनाई जाएगी. मान्यताओं एवं धर्म ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत ब्रह्मा जी ने भी किया था.

कामिका एकादशी का एक फल यह भी है कि विष्णु की पूजा करने से विष्णु के साथ-साथ लक्ष्मी जी की भी कृपा बरसती है. दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फल यह है कि एकादशी की रात को दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो ऐसा कहा जाता है कि पूजा करने वाले के पितर बहुत प्रसन्न होते हैं. उन्हें अमृत पान के समान लाभ मिलता है.

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कामिका एकादशी का समय
इस साल कामिका एकादशी का पर्व श्रावण मास जुलाई महीने में पड़ रहा है. 13 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में कामिका एकादशी है. एकादशी का शुभ मुहूर्त 12 जुलाई को शाम 5 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और शुभ समय 13 जुलाई को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा. 13 जुलाई को उदया तिथि मानते हुए व्रत रखा जाएगा.

इसके बाद 14 जुलाई को पारण किया जाएगा. कामिका एकादशी व्रत पारण का शुभ समय 14 जुलाई 2023 को सुबह 05:32 बजे से सुबह 08:18 बजे तक रहेगा. कामिका एकादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने एवं मंत्र जाप करने से सहस्त्रों यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. 

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कामिका एकादशी कथा
कामिका एकादशी के दिन व्रत का पाठ करना शुभ माना गया है. इसकी एक कथा इस प्रकार की है कि एक बार ब्रह्म देव ने उमा देवी से पूछा, अहिल्या की तुलना गंगा, यमुना और सरस्वती से करने से आपका क्या मतलब है? उमा देवी ने उत्तर दिया, प्रभु, मैं दुर्गा, काली, जगदम्बा, लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती, राधा और सीता हूं. मैंने सभी देवी-देवताओं के रूप में प्रकट होने और सभी मनोकामनाएं पूरी करने का आशीर्वाद दिया है.वह देवी से बोले, मुझे आपकी यह शक्ति अद्भुत लगती है.

मैंने तो सोचा है कि मनुष्यों को आपकी महिमा बतानी चाहिये. इसके बाद ब्रह्म देव ने कामिका माह में उमा देवी की स्तुति करने का निर्णय लिया. यही कारण है कि कामिका एकादशी व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है.  

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