घर के मंदिर में इन 5 चीजों को रखना माना जाता है अशुभ
अपने हिंदू धर्म में पूजा पाठ के अलग अलग नियम बताया गए हैं।सब के घर में अलग अलग पूजा करने k नियम भी होते है।और उस नियम का पालन घर के सभी लोग करते है सावधानी पूर्वक करते हैं। इन बातो का भी ध्यान रखा जाता है की पूजा में क्या सही है और क्या नहीं, इसके अलावा पूजा में अशुभ शुभ दोनों देखा जाता हैं। हिंदू परिवार में सब के घर में मंदिर होता ही होता है जहा वो अपने हिसाब से देवी , देवताओं की मूर्ति रखते है।
कुछ लोग का मानना है ,की एक देवी या देवता की मूर्ति एक ही होनी चाहिए दो नहीं रखते है । पर कुछ लोग कई देवी देवताओं की रखते है। पूजा पाठ में कई नियम होते है जिसका पालन करना ही चाहिए । मंदिर में ऐसे कई चीज होते है जिसको नहीं रखा जाता है पर हमको पता नहीं होता है चलिए आइए देखते है की क्या रखना चाहिए और क्या नहीं।
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पूजा के दौरान न करे ये कुछ गलतियां
*ऐसी मान्यता है की घर में शिवलिंग नहीं रखते है ,और कई घर में रखते भी है तो घर में रखा जाता है वह अपने आंगन में रखते है या अपने सुविधा के अनुसार छत पर भी रखते है ।अगर शिवलिंग रखना है भी तो 2 शिवलिंग नहीं रखते है । शिवलिंग एक रखने की मान्यता शिव पूराण में भी मिलती है ।आप शिव जी की नटराज की मूर्ति अपने मंदिर ( पूजा स्थल ) में नहीं रख सकते हैं।
*आप पूजा स्थल घर में सब जगह नहीं बना सकते है। उसका भी एक नियम होता है की मंदिर हमेशा ईशान कोण या पूर्व दिशा में ही होनी चाहिए । आपके घर के पूजा स्थल हमेशा स्वच्छ होना चाहिए । सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि देवी देवता साफ सुथरे जगह पर ही निवास करते हैं।
* मंदिर में देवी की मूर्ति 3 होनी चाहिए । देवी लक्ष्मी की मूर्ति हो या किसी अन्य देवी की मूर्ति हो हमेशा सम ( 4) में होना चाहिए ।
* भगवान की मूर्तियां हमेशा सौम्य रूप की ही मंदिर में रखे। मूर्तियां चाहे देवी की हो या देवता की खांडित नहीं होनी चाहिए ।
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* हनुमान जी की मूर्ति भी शिव जी के जैसे ही होती है। पहली बात हनुमान जी की चित्र नहीं रखनी चाहिए कोशिश करिए की उनकी मूर्ति ही रखे और इस बात का भी ध्यान दे की हनुमान जी की मूर्ति खड़ी न हो बैठी हुई होनी चाहिए।
* ऐसी मान्यता है की मंदिर ( घर के पूजा स्थल ) में कालरात्री की मूर्ति नहीं होनी चाहिए । पर कुछ लोग रखते भी है अपनी श्रद्धा से ।
* मंदिर में चावल का होना जरूरी होता है और चावल के दाने खंडित नहीं होने चाहिए । क्योंकि देवी देवताओं को खंडित चावल नहीं चढ़ाया जाता है ।
* मंदिर में वास्तु शास्त्र का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए की कौन मूर्ति कहा होनी चाहिए और कौन कहा नहीं होना चाहिए । कभी भी किसी भी देवी देवता की मूर्ति दक्षिण की तरफ मुंह कर के नहीं रखना चाहिए ।
* मंदिर में गणेश जी की मूर्ति हमेशा सम (2)होनी चाहिए इनकी मूर्ति विषम (1/3)नहीं होती है। और गणेश जी के पूजा पाठ में तुलसी का भी भोग नहीं लगता है ।
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