राहु मंगल युति का योग देता है बड़े बदलावों का संकेत
राहु और मंगल का युति योग इस समय काफी बड़े बदलावों के संकेत के रुप में दिखाई दे सकता है. गोचर में राहु ओर मंगल का मेष राशि में एक साथ होना स्थिति को गंभीर एवं जटिल बना सकता है. दोनों ही ग्रह पाप ग्रह की श्रेणी में स्थान पाते हैं और ज्योतिष अनुसार दोनों का एक साथ युति में होना शुभता में कमी ओर अशुभ फलों में वृद्धि का सूचक बन जाता है. इस गोचर के समय पर इन दोनों ग्रहों का प्रभाव विस्फोटक स्थिति का निर्माण करने जैसा होगा.
मंगल की आक्रामकता अग्नि का असर राहु जल्द ग्रहण करता है और उसी के अनुरुप परिणाम देने में अग्रसर होता है. इस समय पर मेष राशि ओर तुला राशि पर इस योग का असर अधिक रहने वाला है क्योंकि ये दोनों ग्रह इन्हीं दो राशियों को अधिक प्रभावित करने वाले हैं.
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मंगल ग्रह को भूमि कारक माना जाता है. वहीं राहु ग्रह विदेशी भूमि का प्रतीक है. जब ये ग्रह एक साथ आते हैं, तो यह जातक को उनके घर से दूर ले जा सकता है.वर्तमान समय में इन दोनों का योग एक साथ बन रहा है जो 10 अगस्त तक बना रहेगा. इसी बीच दोनों का एक नक्षत्र समान डिग्री योग भी काफी विशेष रहेगा. साथ ही यह युति व्यक्ति में कठोरता, चिड़चिड़ापन और जिद्दी रवैये का कारक है.
परिवार के सदस्यों के साथ एक खराब संबंध, विवाहेतर संबंध, बेईमानी की आदतें, समस्याग्रस्त प्रेम जीवन, खराब विवाह, जबरन वसूली और अवैध व्यवहार, व्यापार नारा, हिंसक प्रवृत्ति और हत्याओं सहित भयानक कार्य, आदि राहु और मंगल के काफी प्रभाव हैं. इन दोनों का एक साथ आना खराब योगो के निर्माण का समय होता है जो वैश्विक स्तर पर असर डालने वाला होता है.
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राहु मंगल योग देश दुनिया पर होगा असर
यह योग किसी व्यक्ति की कुंडली अथवा देशों की कुंडली दोनों को ही प्रभावित करता है. आइए जानें कि इन दोनों के एक साथ आने पर क्या परिणाम हो सकते हैं और राहु और मंगल का प्रभाव किसी के जीवन को कैसे बदल देता है. मंगल, राहु दोनों 17 जुलाई से 05 अगस्त तक एक ही नक्षत्र भरणी में गोचर होगा दोनों 01 से 02 अगस्त में एक ही डिग्री पर दिखाई देंगे. ऎसे में ये समय बदलाव के संकेत देता है. ये तिथियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मेष राशि में राहु मंगल का एक साथ होना कुछ न कुछ परेशानी का कारण बनता ही है.
मेदिन ज्योतिष अनुसार यूरोप और भारत के लिए ये समय व्यवस्था में बदलावों वाला रह सकता है. राहु का गोचर और मंगल के साथ ग्रह युति आगे चलकर ईंधन में वृद्धि, अग्नि के कार्यों में तेजी, विर्द्रोह, विस्फोट, विवाद को दिखा सकती है. सकारात्मक पहलुओं की अगर बात करें तो साहस, ऊर्जा, आक्रामकता, प्रतिरक्षा, पहल करने की इच्छा, लीडर होना इसमें शामिल हो सकता है. जो इस योग के कुछ बेहतर परिणाम भी होंगे. देश और दुनिया में होने वाले कुछ विस्फोटक परिणाम इसी युति के परिणाम स्वरुप देखने को मिलेंगे. यह राजनीति, धर्म, प्रकृति सभी पर अपना असर डालेंगे ओर उग्रता का परिणाम अधिक दिखाएंगे.
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