सेहत की फिक्र है तो इन तीन कार्यों को करने के बाद स्नान करना नहीं भूलें
स्नान कार्य को हिंदू धर्म में एक अनिवार्य कार्य के रुप में बताया गया है. स्नान द्वारा तन मन की शुद्धि होती है और इस तथ्य को विज्ञान भी स्वीकार करता है. स्नान कार्य को सनातन धर्म के साथ बहुत ही करीब से जोड़ा गया है. इसी प्रकार जीवन में सफलता पाने एवं सुख समृद्धि को पाने के लिए स्नान करना सबसे सरल एवं उत्तम माध्यम भी बनता है. जीवन में सफलता के लिए ग्रंथों में अनेक नीतियों का वर्णन किया है, इन की नीतियों को वास्तविक जीवन में बहुत लाभकारी माना जाता है. इन नीतियों का पालन करने से व्यक्ति अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता है.
भारतीय संस्कृति के शास्त्र में मनुष्य के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया है या बातें आज के जीवन में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, यदि इन बातों के सार को समझकर अपने जीवन में लागू किया जाए, तो मनुष्य एक सुखी, संतुष्ट और स्वस्थ जीवन जी सकता है. अच्छे स्वास्थ्य हेतु स्नान के विषय में कई सिद्धांत बताए गए हैं और साथ ही यह भी बताया गया है की जीवन में कुछ विशेष समय पर स्नान कार्य करना अत्यंत आवश्यक होता है. यदि इस समय पर स्नान कार्य नहीं किया जाए तो यह स्वास्थ्य के साथ साथ हमारी मानसिकता को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है. इसलिए जीवन में कुछ विशेष कार्यों को करने के पश्चात नहाना अवश्य चाहिए.
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मालिश के बाद स्नान करना
अपने शरीर की तेल से मालिश करने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए.आयुर्वेद के अनुसर शरीर की मालिश करने से समस्त शरिर को तरावट एवं शक्ति की प्राप्ति होती है. शरीर पर तेल की मालिश करने से रक्त संचार तेज होता है. तेल मालिश करने से शरीर के रोम छिद्रों से पसीना निकलने लगता है, इसलिए तेल मालिश के बाद नहाना आवश्य होता है.स्नान करने से शरी की समस्त ग्म्दगी हट जाती है तथा देह में उत्पन्न तैलीयपन से भी राहत प्राप्त होती है. नवीन ऊर्जा की प्राप्ति होती है तथा सकारात्मक तत्वों का शरीर पर प्रभाव शीघ्र होता है.
अंतिम संस्कार या श्मशान से आने के बाद
शव यात्रा या श्मशान से लौटकर स्नान करना अत्यंत आवश्यक बताया गया है. शास्त्रों के साथ साथ वैज्ञानिक मत भी इस बात की पुष्टि करता है. जब किसी की मृत्यु होती है तो उसके शरीर में कई प्रकार के कीटाणु पनपने लगते हैं और जब कोई भी मृत शरीर के चारों ओर जाता है या उसे छूता है, तो उस स्थान में मौजूद रोगाणु शरीर और कपड़ों में हवा के माध्यम से भी प्रवेश कर सकते हैं इसलिए अंतिम संस्कार या श्मशान से आने के बाद स्नान करना और कपड़े धोना बहुत जरूरी कार्य होता है. ऎसा करने से स्वयं को अशुद्धियों से बचाव करने में सफलता मिलती है. आपके भीतर मौजूद नकारात्मकता भी इसके द्वारा समाप्त होती है.
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बाल कटवाने के बाद स्नान
जब भी आप बाल कटवाने जाएं तो उसके बाद नहाना न भूलें. बाल कटवाने के बाद अवश्य नहाना चाहिए क्योंकि बाल शरीर में चिपक जाते हैं और बिना नहाए शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं. अगर नहाते नहीं हैं तो ये छोटे और महीन बाल आपके भौजन में या किसी दूसरे के संक्रमण में आकर रोग का कारण बन सकते हैं. आपके लिए ये स्थिति शारीरिक परेशानी का कारण बन सकती है और साथ ही इससे संक्रमण भी हो सकता है.