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Jupiter Planet : गुरु कवच को करने से दूर हो जाएगा कमजोर बृहस्पति का हर प्रभावGuru Kavach: बृहस्पति सबसे शुभ ग्रहों में से एक है लेकिन कई बार कुंडली में कमजोर
बृहस्पति का प्रभाव जीवन में सुखों की हानि देनेन वाला होता है.
Jupiter Planet : गुरु कवच को करने से दूर हो जाएगा कमजोर बृहस्पति का हर प्रभाव
Guru Kavach: बृहस्पति सबसे शुभ ग्रहों में से एक है लेकिन कई बार कुंडली में कमजोर बृहस्पति का प्रभाव जीवन में सुखों की हानि देनेन वाला होता है. ऎसे में गुरु कवच का पाठ कर लेने से दूर जो जाता है बृहस्पति का कमजोर होना और मिलता है विशेष लाभ.
Jupiter Significance: बृहस्पति जिना एक नाम गुरु है ओर इनका जीवन पर शुभ प्रभाव जीवन को हर सुख से भर देने वाला होता है. देवगुरु यदि कुंडली में कमजोर हैं तो गुरु कवच को कर लेने से मिलते हैं गुरु के सभी फल
ज्योतिष शास्त्र अनुसार सभी ग्रहों में सबसे शुभ माना जाता है. गुरु को धनु और मीन राशि का स्वामी माना गया है. यह जीवन में संपत्ति, प्रसिद्धि, यश मान सम्मान विवाह संतान से जुड़े सुख देने वाले होते हैं. गुरु कर्क राशि में ये उच्च के होते हैं और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं.
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व्यक्ति गुरु से ही अपनी सफलता देख पाता है. सफलता या प्रसिद्धि गुरु का शुभ प्रभाव है. गुरु कमजोर है तो सफलता एवं सुख की प्राप्ति असंभव होगी. ऎसे में शुभ होने पर अच्छे और कमजोर होने पर खराब परिणाम देते हैं. गुरु को एक शुभ ग्रह माना जाता है जो करियर और मान सम्मान संबंधी मामलों में लाभ प्रदान करता है. आइये जान लेते हैं बृहस्पति की दुर्बलता को दूर करने का अचूक उपाय
कुंडली में गुरु का प्रभाव
यदि कुंडली में बृहस्पति अनुकूल है तो माना जाता है कि व्यक्ति अपने जीवन में खूब नाम कमाएगा और उसे उन्नति के साथ-साथ शुभ फल और सुख की प्राप्ति होगी. आज हम आपको बृहस्पति के गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं और इसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है.कुंडली में कमजोर गुरु ग्रह सफलता देने में विलंब के साथ साथ देरी को देने वाला होता है. कुछ उपायों की मदद से अपने बृहस्पति को मजबूत कर सकते हैं. गुरु ग्रह के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करने में गुरु कवच का पाठ बहुत शुभ होता है.
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कुंडली में कमजोर गुरु का प्रभाव
गुरु ग्रह को संतुलित करने की आवश्यकता है. यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर है तो जीवन में असंतुलन बना रहता है. गुरु ज्ञान समझ का ग्रह है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी जन्म कुंडली में अन्य ग्रह कितने मजबूत हैं, अगर गुरु शुभ न हो तो कुंडली में बहुत दिक्कत आने लगती है. बृहस्पति के स्थान और उसकी शुभता से कुंडली को बल मिलता है. कितने समय तक प्रगति का आनंद लेंगे यह बात गुरु पर निर्भर करती है.अगर गुरु कमजोर है तो प्राप्ति असंभव होगी. गुरु के कमजोर होने से कुछ ही समय में सब कुछ बर्बाद हो जाएगा. कुंडली में बृहस्पति का गुरु एवं प्रभु का स्थान माना जाता है. इसलिए गुरु की शुभता आपको शुभता दिलाने वाली होती है.
गुरु कवच पाठ Guru Kavach
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा .
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे .
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा .
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः .
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु .
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः .
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः .
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥
महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा .
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥