खास बातें
Janaki Jayanti 2024 : आज मनाई जाएगी जानकी जयंती होगी विशेष पूजा
sita mata puja: माता सीता जिनका एक अन्य नाम जानकी भी है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अष्टमी तिथि के दौरान माता जानकी के पूजन का विशेष विधान माना गया है.
विज्ञापन
विज्ञापन
Janaki Jayanti 2024 : आज मनाई जाएगी जानकी जयंती होगी विशेष पूजा
sita mata puja: माता सीता जिनका एक अन्य नाम जानकी भी है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अष्टमी तिथि के दौरान माता जानकी के पूजन का विशेष विधान माना गया है. जानकी जयंती के दिन माता सीता जी का पूजन भक्तों को देता है शुभ प्रभाव.
janki puja vidhi : माता सीता के जन्म का समय भक्तों के लिए अत्यंत ही विशेष रहा है. जानकी जयंती के दिन देवी का पूजन होता है. माता को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं तथा विशेष प्रकार से माता का पूजन किया जाता है. इस दिन पूजा के साथ साथ व्रत उपवास को भी किया जाता है.
Janaki Jayanti is celebrated during the month of Phalgun इस दिन देवी की पूजा की जाती है. भक्तों की ओर से इस दिन रामायण एवं सीता जन्म की कथा का श्रवण किया जाता है. माता सीता का जन्म बहुत उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन का महत्व वैवाहिक जीवन में खुशहाली प्रदान करने वाला माना जाता है. माता जानकी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. फाल्गुन माह में मनाई जाने वाला ये दिन जीवन को सुखमय बनाने जैसा होता है. देवी की पूजा करने से सुख संपन्नता की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को अपने सुखी जीवन की प्राप्ति होती है. संतान सुख एवं सुखी जीवन का फल प्राप्त होता है. आइये जानते हैं कैसे मनाई जाती है जानकी जयंती और क्या इस दिन का महत्व
महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और 21 माला महामृत्युंजय जाप, दूर होंगे सभी कष्ट व् मिलेगी हर कार्य में सफलता : 08 मार्च 2024
जानकी जयंती पूजा 2024
माता जानकी का जन्म मिथिला में हुआ था. उनके पिता राजा जनक थे और माता सुनयना ने उनका पालन-पोषण किया. जानकी की उत्पत्ति का रहस्य कई लोक कथाओं और पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. फाल्गुन माह समय जानकी माता को समर्पित है. इसे सीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है. माता जानकी का दूसरा नाम सीता है. इसी दिन माता जानकी प्रकट हुई थीं. मां के जन्म का समय भी बहुत खास होता है. इस सन्दर्भ में कई कहानियाँ भी प्रचलित हैं. देवी मां की पूजा करते समय इन कथाओं का पाठ करना बहुत शुभ होता है. देवी मां की पूजा सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाती है.
इस महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग में सुख-समृद्धि और संपन्नता के लिए कराएं रुद्राभिषेक 08 मार्च 2024
जानकी जयंती पूजा विशेष
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है. इस दिन जानकी जी का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था. कथाओं के अनुसर इस दिन जानकी जी पृथ्वी से अवतरित हुई थीं. इस दिन को सीता अष्टमी या जानकी जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन माता सीता जी की पूजा के साथ ही भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखा जाता है. इस दिन सीता जी की आरती की जाती है तथा भक्ति भाव से माता का पूजन किया जाता है.महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर अपार धन ,वैभव एवं संपदा प्राप्ति हेतु ओंकारेश्वर में कराएं रूद्राभिषेक : 08 मार्च 2024
माता सीता की आरती Mata Sita Ki Aarti
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन चारिणी, आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी, त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
विमल कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पवन मति आई, आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई, शरणागत जन भय हरी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥