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Home ›   Blogs Hindi ›   Indira Ekadashi: By fasting on Indira Ekadashi, the blessings of Shri Vishnu remain intact.

Indira Ekadashi : इंदिरा एकादशी व्रत करने से बनी रहती है श्री विष्णु की कृपा

my jyotish expert Updated 06 Oct 2023 01:25 PM IST
Indira Ekadashi
Indira Ekadashi - फोटो : my jyotish
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एकादशी का समय श्री विष्णु पूजन हेतु विशेष होता है. आश्विन माह में आने वाली पहली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक ग्रंथों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है तथा इस एकादशी पर व्रत एवं पूजन से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. \

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श्राद्ध पक्ष में आने वाली ये एकादशी काफी महत्व रखती है. एकादशी तिथि एक माह में दो बार आती है यानी साल में कुल 24 एकादशियां बनती हैं. इन सभी एकादशियों के नाम और महत्व अलग-अलग हैं. आश्विन मास में आने वाली एकादशी इंदिरा एकादशी के नाम से पूजी जाती है.  

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एकादशी और श्राद्ध पूजन 
आश्विन माह के आरंभ का समत श्राद्ध पक्ष का होता है. इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है जो आश्विन अमावस्या तक चलेगा. इससे पहले श्राद्ध पक्ष की एकादशी तिथि का संयोग बनेगा जिस दिन भगवान श्री विष्णु जी का पूजन होगा तथा पितरों का पूजन भी इस दिन संपन्न किया जाएगा.

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श्राद्ध पक्ष में आने वाली इस एकादशी को इंदिरा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी कहा जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इस इंदिरा एकादशी पर व्रत और पूजा करने से पितरों को सुख की प्राप्ति होती है. इस व्रत में दान का भी विशेष महत्व है. इस दिन पितृ पूजा करने से शांति एवं सुखों का आगमन जीवन में होता है.
  
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यह एकादशी वर्ष में केवल एक बार आती है
वर्ष में केवल एक बार श्राद्ध पक्ष के दौरान ही एकादशी का संयोग बनता है, जिसके कारण इस एकादशी का विशेष महत्व है. पूर्वज अपने वंशजों से अपेक्षा करते हैं कि वे इस एकादशी का व्रत और पूजा करें ताकि उन्हें शुभ फल मिल सके और मोक्ष की प्राप्ति हो सके.

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शास्त्रों के अनुसार, अगर कोई इंदिरा एकादशी का व्रत रखता है और उसका पुण्य पितरों के नाम पर दान करता है तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्रत रखने वाले को वैकुंठ की प्राप्ति होती है.

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पुराण कथाओं के अनुसार इंदिरा एकादशी का व्रत के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार जितना पुण्य सामान्य एकादशी में दान करने और हजारों साल की तपस्या से मिलता है. उतना ही पुण्य इंदिरा एकादशी के दिन दान करने से मिलता है.

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शास्त्र परंपरा अनुसार इस दिन पूजन द्वारा पितृ तृप्त होते हैं और धन लाभ की संभावना बनती है. जीवन में किसी प्रकार का पितृ दोष भी नहीं रहता है. 
 
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