खास बातें
Videsh Yatra Yog in Kundali: कुंडली में यदि इन भाव में शनि, शुक्र आदि ग्रह मौजूद हैं, तो यह इस बात का संकेत देता है कि आपकी विदेश यात्रा तय है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो विशेष योग।
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Videsh Yatra Yog in Kundali: लगभग हर किसी का सपना होता है कि वह एक बार विदेश यात्रा पर जरूर जाएं। कुछ लोग घूमने के लिए जाते हैं, तो कुछ लोग अच्छी नौकरी, सुख-सुविधाओं का लाभ लेने के लिए जाते हैं। अक्सर यह देखा गया है कि कुछ लोगों के पास सब सुविधाएं होने के बाद भी वह विदेश नहीं जा पाते हैं, वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों के पास कुछ नहीं होता है वह विदेश यात्रा कर लेते हैं। इसे कुछ लोग भाग्य कहते हैं और ऐसा ही हमारे ज्योतिष शास्त्र में भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में आपके विशेष योग बनते हैं, तो विदेश यात्रा के योग होते हैं। लेकिन यह इसका कैसे पता चलता है कि विदेश यात्रा के योग है या नहीं? इस लेख में इसी के विषय में बता रहे हैं।
कुंडली में विदेश यात्रा के योग
जन्म कुंडली का हर एक भाव किसी ना किसी प्रकार से आपको फल प्रदान करता है। ऐसे ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का 12वां भाव विदेश यात्रा से संबंधित होता है। साथ ही विदेश यात्रा के लिए चन्द्रमा को स्वभाविक माना जाता है। इसके अलावा आपका दशम भाव आजीविका का होता है और शनि ग्रह को आजीविका का प्राकृतिक कारक माना जाता है।
- इस प्रकार से विदेश यात्रा के योग के विषय में जानने के लिए कुंडली के 12वें एवं 10वें भाव को देखा जाता है, जिसके साथ ही शनि और चन्द्रमा की स्थिति को देखा जाता है।
- इसके अलावा यदि जातक की कुंडली के लग्न भाव में सूर्य ग्रह उपस्थित होता है, तो व्यक्ति के विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
- कुंडली के छठे, सातवें एवं नवें भाव में यदि शुक्र ग्रह है, तो भी व्यक्ति के विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
- राहु भी आपके विदेश यात्रा के द्वार खोल सकता है, यदि आपकी कुंडली के पहले, सातवें या फिर आठवें भाव में शुक्र ग्रह विराजमान है, तो विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं।
तो, इस प्रकार से आप जान सकते हैं कि आपकी कुंडली में विदेश यात्रा के योग है या फिर नहीं। हालांकि कहा जाता है कर्म आपका भाग्य बदलता है। यदि आपकी कुंडली में यह योग नहीं बन रहे हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आप विदेश यात्रा पर नहीं जा सकते हैं। आप कर्म करते रहिए ,कर्म के अनुसार ग्रह अपनी चाल बदलते रहते हैं।
इसी प्रकार से, यही बात उन पर भी लागू होती है, जिनके विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। जिनके विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं वह यह बिलकुल ना समझें कि आपको अब विदेश जाने के लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं है। आपको फल की प्राप्ति के लिए मेहतन करनी नहीं छोड़नी चाहिए।