खास बातें
Surya Grah in 12 Houses: सूर्य ग्रह बहुत ही प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। उच्च भाव में यदि सूर्य ग्रह विराजमान है तो व्यक्ति को समस्त प्रकार से लाभ ही लाभ दिलवाता है। आइए जानते हैं 12 भावों में सूर्य ग्रह की उपस्थिति क्या कहती है।
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ज्योतिष शास्त्र मे सूर्य ग्रह को विशिष्ट फलदायक माना गया है। कार्य क्षेत्र में सफलता से लेकर राजयोग तक के योग सूर्य के सही भाव में उपस्थिति के कारण बनते हैं। यदि सूर्य की स्थिति उच्च है तो कई सकारात्मक फल मिलते हैं। तो आइए जानते हैं कि विभिन्न भावों में सूर्य का क्या फल मिलता है।
12 भावों में सूर्य का प्रभाव
- पहला भाव- सर्य ग्रह यदि जातक की कुंडली के प्रथम भाव में है, तो वह व्यक्ति लेकन और सम्पादन में रूचि रखने वाला होगा। उसे व्यापार एवं धंधे में लाभ अर्जित होता रहेगा।
- दूसरा भाव- दूसरे भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति यह दर्शाती है कि जातक को कृषि एवं अपनी जमीन से काफी लाभ प्राप्त हो सकता है। जातक को सट्टे एवं शेयर बाजार में काफी लाभ मिल सकता है। क्रय-विक्रय में अपार यश प्राप्त होगा।
- तीसरा भाव- यदि जातक के तीसरे भाव में सूर्य ग्रह है, तो उसे उद्योग में विशेष लाभ प्राप्त होगा। शत्रु खत्म होंगे और उच्च श्रेणी के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनेंगे। कार्यक्षेत्र में एक विशिष्ट पद प्राप्त होगा और मान सम्मान में वृद्धि होगी।
- चौथा भाव- जिस व्यक्ति की कुंडली के चौथे भाव में सूर्य ग्रह होता है उसे राजा के बराबर यश सम्मान मिलता है। साथ ही यह जातक स्वयं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन किसी दूसरे को कभी कष्ट नहीं होने देंगे।
- पांचवा भाव- यदि सूर्य देव पंचम भाव में है तो व्यक्ति जन्म से ही भाग्यवान होगा। वह समय के साथ जितना खर्च करता रहेगा उतना ही धन उसके पास आता रहेगा। एक कार्य के साथ कई अन्य कार्य करने की क्षमता रखता होगा।
- छठा भाव- इस भाव में विराजमान कुंडली के जातकों के समस्त दुख खत्म होंगे और नौकरी, कार्यक्षेत्र में लाभ ही लाभ प्राप्त होगा। मांगलिक कार्य जल्द संपन्न होंगे और विदेश यात्रा के योग बनेंगे।
- सातवां भाव- यदि किसी जातक की कुंडली के सातवें भाव में सूर्य है तो, जातक अपने घर का कुलदीपक बनकर रहेगा। धन और अधिकारियों से सम्मान प्राप्त करेगा।
- आठवां भाव- इस भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति यह बताती है कि जातक सच्चाई से समस्त विश्व को जीत लेगा। यदि किसी कुटुम्बजन पर विपत्ति आती है तो सबसे पहले वह उपस्थित रहेगा।
- नवां भाव- यदि किसी जातक की कुंडली के नवें भाव में सूर्य है तो वह अपने परिवार की रक्षा और आन, बान, शान के लिए सबकुछ न्यौछावर कर देगा। साथ ही सरकारी नौकरी के योग भी रहेंगे और परिवार जनों की उम्र लंबी होगी।
- दसवां भाव- इस भाव में सूर्य ग्रह इस बात का संकेत देता है कि जातक स्वास्थ्य, धन और मान सम्मान का मालिक होगा। क्रय-विक्रय में अधिक पैसा खर्च होगा और घर के सामान के लिए धन व्यय होगा। हालांकि किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम सदैव अनुकूल रहेंगे।
- ग्यारहवें भाव- इस भाव में यदि सूर्य विराजमान है, तो जातक को बड़े-बड़े कार्यों में सफलता प्राप्त होगी, व्यापार और व्यवसाय में धन लाभ होगा।
- बारहवां भाव- कुंडली के इस भाव में बैठा सूर्य जातक को समस्त ज्ञान प्रदान करता है। अपनी पूरी आयु जीने वाला होगा और कम उम्र से ही कमाई करने वाला होगा।