सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023
इस दिन पितरों के लिए तर्पण और दान करने का विधान है. सावन माह की अमावस्या का समय भगवान शिव पूजन एवं पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों हेतु उत्तम होता है. अमावस्या पर किए जाने वाले धार्मिक क्रिया कलापों से व्यक्ति अपने जीवन में सुख एवं शांति को पाता है. परिवार में समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं कि इस बार हरियाली अमावस्या कब पड़ रही है.
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हरियाली अमावस्या कब है
इस बार हरियाली अमावस्या 16 जुलाई 2023 को रात 10:08 बजे शुरू होगी, जो 17 जुलाई 2023 को रात 12:01 बजे समाप्त होगी. ऐसे में हरियाली अमावस्या उदया तिथि के अनुसार 17 जुलाई को मान्य होगी. हरियाली अमावस्या के दिन प्रात:काल समय स्नान दान से संबंधित कार्यों को किया जाता है. उसके पश्चात व्रत एवं उपवास द्वारा भगवान के प्रति भक्ति एवं निष्ठा से इस दिन को मनाया जाता है.
अमावस्या पूजन एवं दान कार्य से मुलता है पुण्य का लाभ
हरियाली अमावस्या के दिन दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं. इस दिन नदी में काले तिल प्रवाहित करना शुभ होता है. इसके अलावा पितरों को याद करके एक लोटे में जल लें, उसमें काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं.
ऐसा माना जाता है कि पितरों के प्रसन्न होने पर घर में समृद्धि आती है. अमावस्या को पितरों को समर्पित माना जाता है इसलिए इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना शुभ होता है.
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ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार इस दिन नीम का पौधा लगाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. संतान सुख पाने के लिए केले का पौधा लगाना अच्छा होता है. इसके साथ ही सुख-समृद्धि के लिए तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है. वहीं मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आंवले का पौधा लगाना बेहतर होता है. इस दिन पीपल के वृक्ष के पूजन एवं दीपक जलाने को अच्छा माना जाता है.