खास बातें
Guruwar ke upay : गुरुवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय से मिलेगी भगवान श्री विष्णु की कृपाthursday ke Upay: बृहस्पति के दिन श्री विष्णु पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट से दूर हो जाते हैं. इस दिन जहां गुरु पूजन को विशेष माना गया है वहीं श्री विष्णु पूजन बहुत महत्व होता है.
बृहस्पतिवार के शुभ उपायों में भगवान श्रीहरि विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का पूजन अत्यंत उत्तम माना गया है.
Guruwar ke upay : गुरुवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय से मिलेगी भगवान श्री विष्णु की कृपा
thursday ke Upay: बृहस्पति के दिन श्री विष्णु पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट से दूर हो जाते हैं. इस दिन जहां गुरु पूजन को विशेष माना गया है वहीं श्री विष्णु पूजन बहुत महत्व होता है.
बृहस्पतिवार के शुभ उपायों में भगवान श्रीहरि विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का पूजन अत्यंत उत्तम माना गया है.
मकरसंक्रांति पर कराएं 108 आदित्य हृदय स्रोत पाठ - हवन एवं ब्राह्मण भोज, होगी दीर्घायु एवं सुखद स्वास्थ्य की प्राप्ति - 15 जनवरी 2024 – शिप्रा घाट उज्जैन
बृहस्पतिवार के उपायों से मिलती है सुख समृद्धि
बृहस्पतिवार के दिन श्री विष्णु आरती करना उत्तम होता है. इस दिन शुभ फल पाने के लिए इस दिन व्रत और पूजा के साथ-साथ विष्णु आरती करना अत्यंत विशेष होता है. ज्योतिषीय उपाय में इसके लाभकारी फल पाए जाते हैं. हिंदू धर्म में सप्ताह के सभी वारों में बृहस्पतिवार के दिन विष्णु चालिसा को बहुत शुभ माना जाता है. इस पूजन द्वारा सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा पाएं जीवन से जुड़ी विभिन्न परेशानियों का सटीक निवारण
विष्णु चालिसा से पूर्ण होंगे मनोरथ
बृहस्पतिवार के शुभ उपायों में भगवान श्रीहरि विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का पूजन अत्यंत उत्तम माना गया है. विष्णु चालिसा को बहुत शुभ माना जाता है. इस पूजन द्वारा सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.दोहा
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ।।
विष्णु चालीसा
नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ।। नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
मकरसंक्रांति पर स्वस्थ, समृद्ध और सुखद जीवन के लिए हरिद्वार में करवाएं, माँ गंगा और सूर्य की आरती 15 जनवरी 2024
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई ।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै।।नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।