गुप्त नवरात्रि से जुड़ी प्रामाणिक एवं प्राचीन कथा यह है। इस कथा के अनुसार एक समय ऋषि श्रृंगी भक्तजनों को दर्शन दे रहे थे। अचानक भीड़ से एक स्त्री निकलकर आई और करबद्ध होकर ऋषि श्रृंगी से बोली कि मेरे पति दुर्व्यसनों से सदा घिरे रहते हैं जिस कारण मैं कोई पूजा-पाठ नहीं कर पाती। धर्म और भक्ति से जुड़े पवित्र कार्यों का संपादन भी नहीं कर पाती।
गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर कराएं दुर्गा सप्तशती पाठ, मिलेगा समस्त परेशानियों से छुटकारा - 20 फरवरी 2021
यहां तक कि ऋषियों को उनके हिस्से का अन्न भी समर्पित नहीं कर पाती। मेरा पति मांसाहारी हैं, जुआरी है, लेकिन मैं मां दुर्गा की सेवा करना चाहती हूं, उनकी भक्ति-साधना से अपने और परिवार के जीवन को सफल बनाना चाहती हूं।
ऋषि श्रृंगी महिला के भक्तिभाव से बहुत प्रभावित हुए। ऋषि ने उस स्त्री को आदरपूर्वक उपाय बताते हुए कहा कि वासंतिक और शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस परिचित है, लेकिन इसके अतिरिक्त 2 नवरात्र और भी होते हैं जिन्हें 'गुप्त नवरात्रि' कहा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकट नवरात्रों में 9 देवियों की उपासना होती है और गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है
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