myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Gajanan Sankashti Chaturthi: Gajanan Sankashti Chaturthi of Sawan month 2022 Go Date, Auspicious Muhurat and other details

Gajanan Sankashti Chaturthi: सावन माह की गजानन संकष्टी चतुर्थी 2022 जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और अन्य विवरण

MyJyotish Expert Updated 15 Jul 2022 03:09 PM IST
सावन माह की गजानन संकष्टी चतुर्थी
सावन माह की गजानन संकष्टी चतुर्थी - फोटो : google photo
विज्ञापन
विज्ञापन

सावन माह की गजानन संकष्टी चतुर्थी 2022 जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और अन्य विवरण


सावन माह की पहली चतुर्थी 16 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी. इस श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का समय भगवान श्री गणेश के पूजन के लिए श्रेष्ठ समय होगा. भगवान गणेश के भक्त, हर माह की चतुर्थी तिथि पर व्रत एवं पूजन करते हैं. शुक्ल पक्ष के दौरान रखे जाने वाले व्रत को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष के दौरान संकष्टी या संकट हरण व्रत होता है. इस माह के आरंभ में पहले संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाएगा. प्रत्येक संकष्टी व्रत का एक विशिष्ट नाम और महत्व होता है.

सावन माह भगवान शिव का प्रिय माह है और इस माह में आने वाली गणेश चतुर्थी तिथि भी अत्यंत ही शुभदायक एवं फलदायी होती है. श्रावण मास की गणेश चतुर्थी को गजानन संकष्टी गणेश चतुर्थी है के नाम से जाना जाता है. आईये जाने गजानन संकष्टी गणेश चतुर्थी तिथि में शुभ मुहूर्त किस प्रकार रहेगा. भगवान गणेश का पूजन सभी संकटों का नाश करता है तथा भक्त को शक्ति एवं समृद्धि देने में सहायक बनता है. 

हर परेशानी का एक ही हल, बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से 

गजानन संकष्टी गणेश चतुर्थी मुहूर्त समय 

इस वर्ष गजानन संकष्टी गणेश चतुर्थी 16 जुलाई को मनाई जाएगी.
चतुर्थी तिथि 16 जुलाई को दोपहर 1:27 बजे से 17 जुलाई को सुबह 10:49 बजे तक रहेगी.
गजानन संकष्टी गणेश चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय
चंद्रोदय का समय रात 9:49 बजे है.

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

गजानन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व

इस व्रत को संकष्टी या संकट हर चतुर्थी के रूप में जाना जाता है क्योंकि संस्कृत में संकष्टी का अर्थ है मुसीबत से मुक्ति दिलाने वाला समय.  यह व्रत सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भक्त सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखते हैं. भगवान का पूजन एवं चंद्र देव का पूजन शुभदायक होता है. बाधा और परेशानी से मुक्त जीवन की प्राप्ति का सुख भी प्राप्त होता है. भगवान गणेश सभी बाधाओं का हर लेने वाले होते हैं और इनकी पूजा सभी कष्टों को दूर करती है. 

श्रावण माह के दौरान कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि के दौरान, भक्त भगवान श्री गणेश और शिव पूजन के साथ श्री विष्णु का पूजन करते हैं  इस व्रत का महत्व द्वापर युग में श्री कृष्ण द्वारा पांडव राजा युधिष्ठिर को बताया गया था इसलिए, यह एक सदियों पुरानी परंपरा है जो एक भक्त को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होता है. 
भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चन्द्रदर्शन वर्जित है, जिसे भगवान गणेश की जयंती माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति मिथ्या दोष को आकर्षित कर सकता है. संकष्टी के दिन चंद्रमा का दिखना शुभ माना जाता है. इसलिए चंद्रोदय के समय का महत्व होता है तथा इसका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है. 
 

ये भी पढ़ें

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X