इसलिए इस समय से अगले चार माह तक शुभ कार्य करने की मनाही हो जाती है। इन चार महीनों में भगवान विष्णु हमारी सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को दे देते हैं और खुद योग निद्रा में चले जाते हैं।
चार महीने बाद देवोत्थान एकादशी 13 नवंबर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को भगवान विष्णु शयन निद्रा से उठते हैं, और तभी से शुभ कार्य के लिए मनाही हो जाती है।अगर आप इस एकादशी व्रत रखने से अति उत्तम है, लेकिन अगर ना रख सकते तो कुछ सामान्य सी शुभ गतिविधियां जरुर कर लें।
आइए जानें कि किन शुभ कामों से होगी धन और सुख समृद्धि की प्राप्ती
देवशयनी एकादशी के उपाए
1. जल्दी सुबह के समय स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की सोने, चांदी, पीतल, तांबे की मूर्ति या विष्णु की तस्वीर को पीतांबर से सजाकर सफेद वस्त्र से सजा दें अब तकिया तथा बिस्तर वाले एक छोटे से पलंग पर शयन करा दें। इसके साथ ही कुछ खास मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इन महीनों में कुछ चीजों के त्याग का व्रत ज़रूर कर लें।2. देवशयन एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए, इसके अलावा गाय के कच्चे दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक कर सकते हैं।
3. पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, इसलिए एकादशी पर पीपल के पेड़ भी पर जल चढ़ाएं।
4. भगवान को खीर या पीले फल, रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
5. अगर आप धन लाभ चाहते हैं तो इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी ज़रूर करें।
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6. एकादशी की शाम तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें और तुलसी के पौधे को प्रणाम करें।ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करते हुए 11 बार परिक्रमा करें।
7. विष्णु जी के मंदिर में जाकर या नहीं जा सकते तो घर से ही अन्न यानी की गेहूं और चावल का दान करें या गरीबों में बांट दीजिए।
8. मधुर स्वर के लिए गुड़, लंबी आयु के लिए सरसों का तेल, शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए सरसों का तेल और मीठा तेल, संतन प्राप्ती के लिए दूध संतान चढ़ाएं या दान करें, पाप मुक्ति के लिए उपवास करें।
9. सुबह-सुबह घर की साफ-सफाई के पश्चात मुख्य द्वार पर हल्दी का जल या गंगाजल का छिड़काव कर दें, ॐ नमोः नारायण ॐ या ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः का 108 बार जाप तुलसी की माला से जाप करें। घर में धन धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक कर दे।
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