कब है देवशयनी एकादशी , जाने तिथि , पूजा विधि और महत्वl
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से की जाती है, जाने इस बार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कब आ रही हैl हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है. हर महीने में 2 एकादशी पड़ती है, साल में लगभग 24 एकादशी होती है. हर महीने में पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में होती है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है.
और उस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इस बार देव शयनी एकादशी तिथि कब पड़ रही है और इस दिन किस विधि से पूजा की जाएगी आइए जानेl
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देवशयनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त: इस बार देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत 9 जुलाई को शाम 4:39 से होगी इस तिथि का समापन 10 जुलाई को दोपहर 2:13 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा, इस व्रत के पारण का समय 11 जुलाई को सुबह 5:56 से 8:36 तक हैl
देवशयनी एकादशी के दिन इस विधि से पूजा करें:
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ और इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें, साफ कपड़े पहने और व्रत का संकल्प लें, घर और मंदिर दोनों की साफ सफाई करें. चौकी पर एक पीला कपड़ा बिछाए और उस पर भगवान विष्णु की तस्वीर को स्थापित करें . भगवान को फल,फूल और धूप अर्पित करें. देवशयनी एकादशी की कथा का पाठ करें.भगवान को पंचामृत का भोग लगाएंl
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देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व:
मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि 4 महीने के लिए सृष्टि का संचालन भगवान शिव जी करते हैं. इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता. इस दौरान मुंडन , विवाह, सगाई और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. देवशयनी एकादशी को हरीशयनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखने से सारी जीवन संबंधित परेशानियां दूर हो जाती हैं और इस पावन दिन पर व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं .
व्यक्ति का मन शुद्ध हो जाता है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दौरान ब्रज की यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है ,इसलिए आप ब्रज की यात्रा भी कर सकते हैं. इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के जीवन की सभी दुर्घटनाएं चल जाती हैंl
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