देवी चंद्रघंटा एक अद्भुत शक्ति का रूप हैं। परमात्मस्वरूपा देवी चंद्रघंटा के प्रसन्न होने पर जगत का अभ्युदय होता है, जगत का समस्त क्षेत्र हरा भरा, पावन हो जाता है, परंतु देवी चंद्रघंटा के क्रोध में आ जाने पर तत्काल ही असंख्य कुलों का सर्वनाश हो जाता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार महिषासुर के राक्षस कुल का अंत देवी चंद्रघंटा ने क्षण भर में कर डाला। इस बात का अनुभव मात्र ज्ञानी जन ही कर सकते हैं। मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार में अर्धचंद्र होता है । मां चंद्रघंटा का यह रूप बहुत शांतिदायक है । इनके पूजन से मन में शांति आती और धैर्य आता है। मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से भक्तो का भय समाप्त हो जाता है | मां चंद्रघंटा के स्मरण से सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन में कल्याण होता है।
मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएँ विनष्ट हो जाती हैं। इनकी आराधना सद्यः फलदायी है। माँ भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र ही कर देती हैं। इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों को प्रेतबाधा से रक्षा करती है। इनका ध्यान करते ही शरणागत की रक्षा के लिए इस घंटे की ध्वनि निनादित हो उठती है।
माँ का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण रहता है। इनकी आराधना से वीरता-निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होकर मुख, नेत्र तथा संपूर्ण काया में कांति-गुण की वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य, अलौकिक माधुर्य का समावेश हो जाता है। माँ चंद्रघंटा के भक्त और उपासक जहाँ भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शांति और सुख का अनुभव करते हैं।
नवरात्रि 2021 दिन 3: तिथि और शुभ तिथि
दिनांक: 9 अक्टूबर, शनिवार
शुभ तिथि शुरू: सुबह 10:48 बजे, 8 अक्टूबर
शुभ तिथि समाप्त: 07:48 सुबह, 9 अक्टूबर
नवरात्रि 2021 दिन 3: महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, ये दिन ग्रे रंग से जुड़ा है क्योंकि ये बुराई को नष्ट करने के उत्साह और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. साथ ही, उनके माथे पर चंद्र-घंटी की ध्वनि उनके भक्तों से सभी प्रकार की नकारात्मक आत्माओं को दूर करती है.
नवरात्रि 2021 दिन 3: पूजा विधि
– सुबह जल्दी उठकर नहा लें और साफ कपड़े पहनें यह हर पूजा को करने का सबसे पहला काम होता है।
– माता चंद्रघंटा की पूजा में प्रयोग होने वाली सभी सामग्रियां जैसे चमेली के फूल, भोग आदि को इकट्ठा करें.
– माता को स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं.
– उन्हें फूल, अगरबत्ती चढ़ाएं और तिलक करें.
– मंत्रों का जाप और माता का पाठ करें.
– आरती कर पूजा का समापन करें.
नवरात्रि 2021 दिन 3: मंत्र और स्तोत्र
ऊं देवी चंद्रघंटायै नमः ||
पिंडजप्रवरारूढ़ा,चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं,चंद्रघंटेति विश्रुता।।
आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिध्दिदात्री चंद्रघटा प्रणमाभ्यम्॥
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टं मन्त्र स्वरूपणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघंटे प्रणमाभ्यहम्॥
नानारूपधारिणी इच्छानयी ऐश्वर्यदायनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चंद्रघंटप्रणमाभ्यहम्॥
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