भगवान विष्णु ही नहीं शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम होगा धन लाभ
चातुर्मास हिंदू पंचांग अनुसार चार महीने का समय होता है जो विशेष रुप से आध्यात्मिक साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. श्रवण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक की पवित्र अवधि के समय भगवान श्री विष्णु योग निद्रा में होते हैं और भगवान शिव को इस समय समस्त कार्यभार प्राप्त हो जाता है. इसलिए ये समय श्री विष्णु भगवान की भक्ति के साथ ही भगवान शिव के पूजन के लिए भी विशेष माना जाता है.
चातुर्मास भक्ति, तपस्या, पवित्र नदियों में स्नान करने, यज्ञ करने और दान करने का समय होता है. इन महीनों के दौरान विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों को रोक दिया जाता है लेकिन आध्यात्मिक पूजा-पाठ व्रत साधना को इस समय पर किए जाने का विधान रहा है. चातुर्मास केवल हिंदू धर्म में ही मान्य नही है अपितु जैन और बौद्ध संप्रदाय के लिए भी चातुर्मास का महत्व बहुत अधिक रहा है.
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चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है. इस दिन भगवान विष्णु सो जाते हैं और चार महीने बाद प्रबोधिनी एकादशी को जागते हैं. देवशयनी एकादशी प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा के ठीक बाद आती है. इसी समय पर श्रावण मास का आरंभ हो जाता है जो भगवान शिव के पूजन के लिए खास होता है. चातुर्मास में श्री विष्णु एवं शिव पूजन द्वारा शुभ फलों को प्राप्त किया जा सकता है. इस समय पर किए जाने वाले कार्य आपके जीवन को समृद्धि एवं शुभता से भर देने वाले होते हैं.
चातुर्मास के समय प्रात:काल समय भगवान शिव ओर श्री विष्णु का पूजन करना उत्तम होता है. इस दिन शिवालय एवं विष्णु मम्दिर जाकर भगवान का दर्शन पूजन करना चाहिए. भगवान शिव पर गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव के मंत्रों का जाप नियमित रुप से करना मनोकामनाओं को पूर्ण करता है.
चातुर्मास के समय पर किए जाने वाले नियमों को कोई भी व्यक्ति चाहे वह ब्रह्मचारी, गृहस्थ आश्रमस्थ, वानप्रस्थ या संन्यास से संबंधित हो इसे कर सकता है. किसी भी वर्ण से संबंधित किसी भी व्यक्ति द्वारा इस समय पर किए जाने वाले शुद्ध नियमों का पालन करके आध्यात्मिक एवं मानसिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है. ये समय मन एवं आत्मा की सुद्धि का समय होता है. इस समय पर किए जाने वाले उपवास व्रत द्वारा शरीर को बल उर्जा प्राप्त होती है जो स्वास्थ्य हेतु उत्तम होती है.
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चातुर्मास के समय पर दान कार्यों को विशेष माना गया है. इस चार माह के प्रत्येक दिन में किया जाने वाला दान व्यक्ति के जीवन में शुभता को लाने ओर बुरे प्रभावों को दूर करने वाला होता है. दान कार्य आप अपनी सामर्थ्य अनुसार कर सकते हैं. स्वच्छ निर्मल मन से किया हुआ दान सदैव श्रेष्ठ माना गया है. इस समय पर प्राणियों की सेवा एवं सभी के प्रति दया का भाव रखना जीवन को सुविचारों से सफलताओं की ओर ले जाने में सहायक बनता है.
चातुर्मास के समय पर तुलसी पूजा करनी चाहिए. देवी तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं इनका पूजन करने से धन समृद्धि एवं दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है. चातुर्मास पर किए जाने वाले शुभ कार्यों का फल पाप कर्मों को समाप्त करता है और शुभ फल प्रदान करता है.
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