नवरात्रि में कीजिए मां के 108 नामों का जाप, होगी हर इच्छा पूरी।
चैत्र नवरात्र का प्रारंभ 2 अप्रैल 2022 से हो रहा है। आदिशक्ति के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की अराधना की जाती है। मां के सभी रूप काफी पावन और मोहक हैं।नवरात्र में तो मां का नाम ही लेने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए नवरात्र में मां दुर्गा के 108 नाम का जाप करना चाहिए इससे इंसान के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए लाए हैं मां दुर्गा के 108 नाम और उनके नामों की लिस्ट, जिनका जाप करने से आपको मिलेगी सुख-शांति और समृद्धि।
मां दुर्गा के 108 नाम और उनके अर्थ।
साध्वी- आशावादी
भवप्रीता- शिव पर प्रीति रखने वाली
भवानी- ब्रह्मांड में निवास करने वाली
भवमोचनी- बंधनों से मुक्त करने वाली
आर्या- देवी
दुर्गा- अपराजेय
जया- खूबसूरत औरत
भाव्या- ध्यान करने योग्य
भव्या- कल्याणरूपा
अभव्या- जिससे बढ़कर कुछ नहीं
सदागति- मोक्ष दान
शाम्भवी- शिवप्रिया
देवमाता- देवगण की माता
चिन्ता- चिन्ता
रत्नप्रिया- प्यार करने वाली
सर्वविद्या- ज्ञान का निवास
दक्षकन्या- दक्ष की बेटी
दक्षयज्ञविनाशिनी- दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
अपर्णा- पत्ते को भी न खाने वाली
अनेकवर्णा- अनेक रंगों वाली
पाटला- लाल रंग वाली
पाटलावती- गुलाब के फूल
पट्टाम्बरपरीधाना- रेशमी वस्त्र पहनने वाली
कलामंजीरारंजिनी- पायल को धारण करके वाली
अमेय- जिसकी कोई सीमा नहीं
विक्रमा- पराक्रमी
क्रूरा- कठोर
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
सुन्दरी- सुंदर रूप वाली
सुरसुन्दरी- अत्यंत सुंदर
वनदुर्गा- जंगलों की देवी
मातंगी- मतंगा की देवी
मातंगमुनिपूजिता- पूजनीय
ब्राह्मी- भगवान ब्रह्मा की शक्ति
माहेश्वरी- प्रभु शिव की शक्ति
इंद्री- इंद्र की शक्ति
कौमारी- किशोरी
वैष्णवी- अजेय
चामुण्डा- चंड और मुंड का नाश करने वाली
वाराही- वराह पर सवार होने वाली
लक्ष्मी- सौभाग्य की देवी
पुरुषाकृति- वह जो पुरुष धारण कर ले
विमिलौत्त्कार्शिनी- आनन्द प्रदान करने वाली
ज्ञाना- ज्ञान से भरी हुई
क्रिया- हर कार्य में होने वाली
नित्या- अनन्त
बुद्धिदा- ज्ञान देने वाली
बहुला- विभिन्न रूपों वाली
बहुलप्रेमा- सर्व प्रिय
सर्ववाहनवाहना- सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
निशुम्भशुम्भहननी- शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
महिषासुरमर्दिनि- महिषासुर का वध करने वाली
मसुकैटभहंत्री- मधु-कैटभ का नाश करने वाली
चण्डमुण्ड विनाशिनि- चंड और मुंड का नाश करने वाली
सर्वासुरविनाशा- सभी राक्षसों का नाश करने वाली
अष्टमी पर माता वैष्णों को चढ़ाएं भेंट, प्रसाद पूरी होगी हर मुराद
सर्वदानवघातिनी- संहार के लिए शक्ति रखने वाली
सर्वशास्त्रमयी- सभी सिद्धांतों में निपुण
सत्या- सच्चाई
सर्वास्त्रधारिणी- सभी हथियारों धारण करने वाली
अनेकशस्त्रहस्ता- कई हथियार धारण करने वाली
अनेकास्त्रधारिणी- अनेक हथियारों को धारण करने वाली
कुमारी- किशोरी
एककन्या- कन्या
किशोरी- जवान लड़की
युवती- नारी
यति- तपस्वी
अप्रौढा- जो कभी पुराना ना हो
प्रौढा- जो पुराना है
वृद्धमाता- शिथिल
बलप्रदा- शक्ति देने वाली
महोदरी- ब्रह्मांड को संभालने वाली
मुक्तकेशी- खुले बाल वाली
घोररूपा- एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
महाबला- अपार शक्ति वाली
अग्निज्वाला- मार्मिक आग की तरह
रौद्रमुखी- विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
कालरात्रि- काले रंग वाली
तपस्विनी- तपस्या में लगे हुए
नारायणी- भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
भद्रकाली- काली का भयंकर रूप
विष्णुमाया- भगवान विष्णु का जादू
जलोदरी- ब्रह्मांड में निवास करने वाली
शिवदूती- भगवान शिव की राजदूत
करली- हिंसक
अनन्ता- विनाश रहित
परमेश्वरी- प्रथम देवी
कात्यायनी- ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
सावित्री- सूर्य की बेटी
प्रत्यक्षा- वास्तविक
ब्रह्मवादिनी- वर्तमान में हर जगह वास करने वाली
आद्य- शुरुआत की वास्तविकता
त्रिनेत्र- तीन आंखों वाली
शूलधारिणी- शूल धारण करने वाली
पिनाकधारिणी- शिव का त्रिशूल धारण करने वाली
चित्रा- सुंदर
चंद्रघंटा- घंटे की आवाज निकालने वाली
सुधा- अमृत की देवी
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
मन- मनन-शक्ति
बुद्धि- सर्वज्ञाता
अहंकारा- अभिमान करने वाली
चित्तरूपा- वह जो सोच की अवस्था में है
चिता- मृत्युशय्या
चिति- चेतना
सर्वमन्त्रमयी- सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
सत्ता- सत-स्वरूपा
सत्यानंद - अनन्त आनंद का रूप
अनन्ता- जिनके स्वरूप का कहीं अंत नहीं
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