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पौष अमावस्या के दिन किए जाने वाले इन कामों से से मिलता है पितृ दोष मुक्ति का मार्गpaush amavasya 2024 इस साल 2024 को बृहस्पतिवार के दिन मनाई जाएगी पौष अमावस्या. पौष अमावस्या के दिन किया जाने वाला पितरों का पूजन से मिलता है पितरों का आशीष तथा स्नान दान करने से मिलती है कष्टों से मुक्ति.
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पौष अमावस्या के दिन किए जाने वाले इन कामों से से मिलता है पितृ दोष मुक्ति का मार्ग
paush amavasya 2024 इस साल 2024 को बृहस्पतिवार के दिन मनाई जाएगी पौष अमावस्या. पौष अमावस्या के दिन किया जाने वाला पितरों का पूजन से मिलता है पितरों का आशीष तथा स्नान दान करने से मिलती है कष्टों से मुक्ति.मकरसंक्रांति पर स्वस्थ, समृद्ध और सुखद जीवन के लिए हरिद्वार में करवाएं, माँ गंगा और सूर्य की आरती 15 जनवरी 2024
पौष अमावस्या
पौष अमावस्या के दिन अनेक तरह के धार्मिक कार्यों को करते हैं. इस दिन स्नान की परंपरा महत्व रखती है. पवित्र नदियों में जाकर स्नान दान के काम किए जाते हैं. हनुमान जी के जन्मोत्सव एवं उनके विशेष दिनों की पूजा से भक्त को काफी विशेष विशेष लाभ मिलते हैं. हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है. इससे हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं. इसी के साथ सुंदरकाण का पाठ भी शुभता देता है.पौष अमावस्या का महापर्व हर किसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इस दिन हर कोई पीपल के पेड़ की परिक्रमा करके पुण्य लाभ कमा सकता है. अमावस्या का व्रत करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन सुबह से ही स्नान आदि करने के बाद पूजा शुरू कर देनी चाहिए. सबसे पहले भगवान गणेश का स्मरण करना चाहिए, उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद पीपल के पेड़ की पूजा करके नैवेद्य या अक्षत से उसकी सात बार परिक्रमा करनी चाहिए.
हवन-पूजन करके भगवान के सामने अपनी मनोकामना रखनी चाहिए. अत: पौष अमावस्या का पर्व प्रसन्नता और संतुष्टि के साथ मनाना चाहिए. जिनकी ओर से व्रत रखा जा रहा है उन्हें सुबह से ही पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा करनी चाहिए. जिससे उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. सुबह का समय शुभ होता है और इसमें सभी देवी-देवता अत्यंत प्रसन्न रहते हैं. इसलिए सुबह उठकर भगवान का स्मरण करना चाहिए और पूजा-हवन आदि करना चाहिए.
पितृ दोष के लक्षण और प्रभाव
जब पितृ दोष किसी पर आता है तो इसके कारण कई तरह की परेशानियां ओर समस्याएं अचानक ही जीवन में आने लगती हैं. परिवार में अचानक मृत्यु या दुर्घटना जैसी स्थिति अपना असर डालती है. किसी का स्वास्थ्य लंबे समय तक खराब होने लगता है बीमारी उत्पन्न होना और लम्बे समय तक रहना और उसमें सुधार की कमी रहना. परिवार में विकलांगता का प्रभाव देखने को मिलना. गर्भधारण न कर पाना और वंश वृद्धि में अवरोध कि स्थिति, कलह कलेश होना निर्धनता का प्रभाव बने रहना.मकरसंक्रांति पर कराएं 108 आदित्य हृदय स्रोत पाठ - हवन एवं ब्राह्मण भोज, होगी दीर्घायु एवं सुखद स्वास्थ्य की प्राप्ति - 15 जनवरी 2024 – शिप्रा घाट उज्जैन
पौष अमावस्या पितृ दोष निवारण उपाय
हनुमान जी के जन्मोत्सव एवं उनके विशेष दिनों की पूजा से भक्त को काफी विशेष विशेष लाभ मिलते हैं. हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है. इससे हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं. इसी के साथ सुंदरकाण का पाठ भी शुभता देता है.पौष अमावस्या के दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.
पौष अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना चाहिए. इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए. अमावस्या के दिन पितृ भोग लगाना चाहिए, गाय के गोबर के उपले जलाकर उन पर घी अर्पित करना चाहिए.
पौष अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल, फूल, दूध और काले तिल चढ़ाकर अपने पितरों को याद करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन पीपल का पेड़ लगाकर भी पितरों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करना उत्तम होता है.
पौष अमावस्या के दिन गाय को गुड़ खिलाना चाहिए.