शास्त्रों में इस महीने का विशेष महत्व माना गया हैं। भादो से पहले सावन मास आता हैं तथा जहां सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का महीना माना जाता हैं तो भादो को श्रीकृष्ण तथा श्री गणेश का मास कहा जाता हैं। गौरतलब हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी दोनों ही त्यौहार इसी महीने आते हैं। इस वर्ष भादो महीने की शुरुआत 23 अगस्त से हो गई है तथा यह 20 सितंबर 2021 को समाप्त हो जाएगा। ज्योतिषों के अनुसार सनातन धर्म में पवित्र माने गए चतुर्मास का यह दूसरा महीना होता हैं ,दूसरे शब्दों में इसे मुक्ति मास और भक्ति मास की भी संज्ञा दी गई हैं। भादो के महीने से जुडी ऐसी मान्यता हैं कि इस महीने जितना सभंव हो उतना भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए तथा दान करना चाहिए ,इससे जातक के पुण्य कर्मों में बढ़ोतरी होगी। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस माह से सबंधित कुछ विशेष नियम बताए जातें हैं जिनका जातक को अवश्य पालन करना चाहिए। आइए जानतें हैं कि इस माह में हमें कौन से कार्य अवश्य करने चाहिए तथा किस कार्य को करने से बचना चाहिए :
जन्माष्टमी स्पेशल : वृन्दावन बिहारी जी का माखन मिश्री भोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा महीना है। इसमें जातक को अपने जीवन शैली में बदलाव करना चाहिए , यह महीना धर्म कर्म के कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना गया हैं। धार्मिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से इस माह का विशेष महत्व हैं। भादो महीनें के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता हैं और इसके बाद शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को श्री गणेश चतुर्थी का उत्सव धूम धाम से मनाया जाता हैं।
विद्वानों की मानें तो इस महीने हमें कुछ कार्यों को अपने जीवन शैली में जरूर शामिल करना चाहिए :
1. शारीरिक शुद्धिकरण के लिए यह महीना उचित माना जाता हैं तथा इसके लिए सलाह दी जातीं हैं कि व्यक्ति को कम से कम भादो के महीने में केवल शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए , शरीर शुद्ध होने के साथ साथ जातक को मानसिक शांति भी प्राप्त होती हैं।
2. इस महीने व्यक्ति को अधिक से अधिक समय पूजा अर्चना तथा भगवान के ध्यान में लगाना चाहिए।
3. भादो के महीनें में श्री हरि के पूजन को अति शुभ माना गया हैं और ऐसा कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु के पूजन से जीवन में आ रही कठिनाईओं का अंत होता हैं।
4. पुरोहितों की मानें तो इस माह दान करने से व्यक्ति को बहुत लाभ होता हैं , किसी जरूरतमंद की मदद करने से पुण्य कर्मों की बढ़ोतरी होती हैं।
5. इस माह में किसी पवित्र नदी के जल में स्नान करने को बहुत शुभ माना गया हैं , ऐसी मान्यता हैं कि इस पुण्य मास में पवित्र नदी में स्नान करने से पाप ख़त्म हो जातें हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस माह हमें कुछ कर्यों को करने से बचना चाहिए। चलिए जानतें हैं ऐसे कौन से कार्य है :
1. पवित्र मास की संज्ञा के कारण इस माह में मांसाहारी व्यंजन के सेवन से बचना चाहिए।
2. व्यक्ति को लड़ाई झगड़े तथा झूठ आदि से बचकर रहना चाहिए।
3. भगवान को प्रसन्न करने के लिए जातक को तामसिक तथा कामुक चीज़ो का त्याग करना चाहिए इस महीने में।
4. भादो माह में दही भात , बैंगन और मूली इत्यादि का सेवन निषेध माना गया हैं।
कहाँ निवेश करना होगा सिंह राशि के जातकों के लिए शुभ, जानिए यहाँ क्लिक करके
जन्माष्टमी स्पेशल : वृन्दावन बिहारी जी का माखन मिश्री भोग
जन्माष्टमी स्पेशल : वृन्दावन बिहारी जी की पीताम्बरी पोशाक सेवा