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जब ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में अपना स्थान बदलतें हैं तो उसे राशि परिवर्तन या गोचर कहतें हैं। शनि ग्रह की स्तिथि बदलती रहती है, अगर शनि के गोचर की अवधि की बात करें तो यह एक राशि से दूसरी राशि में लगभग ढाई वर्षो के लिए होता है। जब शनि राशि बदलते हैं तो शनि की दशा साढ़े सात वर्ष की होती है इसे ही शनि की साढ़ेसाती और दूसरे शब्दों में शनि की ढैया भी कहा जाता हैं।
आपको बता दें अभी शनि ग्रह का वास मकर राशि में हैं । शनि ग्रह की साढ़े साती एक राशि से दूसरे राशि पर चढ़ती उतरती रहती है।वर्तमान समय में मकर ,धनु ,और कुम्भ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है , तो दूसरे तरफ तुला और मिथुन राशि वालों पर शनि की ढैया चल रही है। आपको बता दें कि सभी ग्रहों में से शनि ग्रह की चाल सबसे धीमी मानी जातीं हैं ,गौरतलब हैं कि बाकी अन्य ग्रह के अपेक्षा शनि अधिक समय लेतें हैं राशि परिवर्तन में, इसी कारण उनका प्रभाव अधिक समय तक बना रहता है। वर्ष 2020 के जनवरी में शनि धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश हुए थे अब अगला गोचर शनि का वर्ष 2022 में होगा जब शनि अपना राशि परिवर्तन करेंगे। आइए जानतें हैं कि शनि के राशि परिवर्तन से किन राशियों के जातक की दशा एवं दिशा बदलेगी :
साल 2022 में शनि देव मकर राशि को कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे , शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से परिस्तिथि बिल्कुल बदल जाएगी। मकर राशि छोड़ जब शनि कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे तब मकर ,मीन ,कुंभ। कर्क ,तुला ,वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि देव की कठोर दृष्टि पड़ने के योग हैं।
वर्ष 2022 के अप्रैल मास में मकर राशि को छोड़कर शनि अपनी ही राशि अर्थात कुम्भ राशि में गोचर करेंगे , ज्योतिष के विद्वानों की मानें तो शनि के अपने राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि पर चल रहें शनि की साढ़े साती का अंत हो जाएगा। धनु राशि के जातकों के लिए यह एक शुभ समाचार हैं लेकिन ये अल्प काल तक रहने वाली ही ख़ुशी हैं क्यूंकि ज्योतिषाचार्य के अनुसार 2022 में शनि वर्की चाल से आगे बढ़ेंगे जिसके कारण कुछ समय के लिए शनि का मकर राशि में दुबारा गोचर होगा। शनि के वक्री चाल से मकर राशि में पुनः प्रवेश के कारण धनु राशि पर साढ़े साती का असर रहेगा। लेकिन यहाँ ध्यान देने योग्य यह बात हैं कि यह साढ़े साती कम अवधि के लिए ही रहेगी ,तथा 2023 तक पूर्णतः समाप्त हो जाएगी। वहीं मकर राशि की बात करें तो शनि की साढ़े साती मकर राशि से वर्ष 2025 में खत्म होगी और कुम्भ राशि के जातकों को शनि के प्रभाव से 2027 तक मुक्ति मिलने के आसार हैं।
साल 2022 में होने वाले शनि के राशि परिवर्तन कर जब कुम्भ राशि में जाएंगे तब मीन राशि के जातकों के लिए समस्या बढ़ जाएगी क्यूंकि शनि की साढ़े साती का पहला चरण मीन राशि वाले लोगों के लिए आरंभ हो जाएगा ,इसके साथ ही कर्क राशि तथा वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी।
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